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आठ साल में एक भी बैठक नहीं की गई इस पंचायत भवन में

विकास खंड नेवादा की ग्राम पंचायत बूंदा में आठ वर्ष पहले पंचायत भवन का निर्माण कराया गया था। भवन के निर्माण में 14 लाख रुपये खर्च हुए मगर प्रधान व सचिव ने कभी वहां खुली बैठक कर विकास के लिए कार्य योजना नहीं तैयार की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:42 PM (IST)
आठ साल में एक भी बैठक नहीं की गई इस पंचायत भवन में
आठ साल में एक भी बैठक नहीं की गई इस पंचायत भवन में

कौशांबी : विकास खंड नेवादा की ग्राम पंचायत बूंदा में आठ वर्ष पहले पंचायत भवन का निर्माण कराया गया था। भवन के निर्माण में 14 लाख रुपये खर्च हुए मगर प्रधान व सचिव ने कभी वहां खुली बैठक कर विकास के लिए कार्य योजना नहीं तैयार की। देखरेख के अभाव में पंचायत भवन दुर्दशा का शिकार हो रहा है।

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ग्रामीणों के लिए खुली बैठक का आयोजन व अन्य सुविधा के लिए सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कराया गया है। इसमें सरकार ने करोड़ों रुपये भी खर्च किए लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से जिले के अधिकतर पंचायत भवनों का उपयोग नहीं हो रहा है। विकास खंड नेवादा के बूंदा गांव में बने पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। गांव के रामचंद्र, चैतू, बच्चूलाल, रामसिंह ने बताया कि आठ वर्ष पूर्व 14 लाख रुपये की लागत से पंचायत भवन बनाया गया था। तब से वहां कभी ग्राम सभा की खुली बैठक नहीं कराई गई है। देखरेख के अभाव में पंचायत भवन जर्जर हो रहा है। पंचायत भवन में बैठक न कराने की शिकायत खंड विकास अधिकारी से की गई थी पर ध्यान नहीं दिया गया।

उधर, नगर पंचायत चायल का अजमतगंज मोहल्ले की कई सड़कों को देखकर लगता है कि जैसे किसी तालाब के सामने आ गए हों। इस कदर जलभराव है कि पानी अब लोगों के घरों पर पहुंचने के करीब है। यहां के लोग इन समस्याओं के लिए प्रधान व सचिव को दोषी बता रहे हैं।

चायल का वार्ड 10 अजमतगंज बारिश के दौरान अन्य वार्ड की अपेक्षा ज्यादा ही बदहाल हो गया है। यहां से होकर यदि किसी को बाहर जाना है तो उसे पानी भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है। कस्बे में इन दिनों जल भराव की समस्या गहराई है। अजमतगंज का मुख्य मार्ग इन दिनों पानी से भरा है। जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण कस्बे के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने कई बार चेयरमैन शिवदानी से इसकी शिकायत की, लेकिन हर बार उन्होंने केवल जल्द समस्या समाप्त होगी का आश्वासन दिया। जिम्मेदारों की लापरवाही का परिणाम है कि यहां की सड़कें अब तक गड्ढा मुक्त नहीं हो सकी। मोहल्ले के महमूद अहमद, नानबाबू, नरेश, सुरेंद्र, कृष्ण प्रसाद, राम बालक, मदनलाल, ज्ञान चंद्र, राजू आदि ने बताया कि मुख्य मार्ग में पानी भरा है। कई सभासद व अन्य लोगों को इसी मार्ग से गुजरना होता है, लेकिन किसी ने अब तक आवाज नहीं उठाई। कस्बे के लोगों ने समस्या के समाधान की मांग की है। कस्बे के सलमान, अरुण व मनमोहन ने बताया कि लोगों ने आपसी सहमति के आधार पर कुछ दिनों तक सड़क का ध्यान रखा। अब वह इसका विरोध कर रहे हैं। लोगों ने दोबारा सड़क की जांच करने की मांग की है।


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