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कागज पर दम तोड़ रहा राष्ट्रीय आजीविका मिशन

विनोद कुमार सिंह चायल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भले ही सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का दावा कर रही है लेकिन कौशांबी में योजना की जमीनी हकीकत कुछ और है। योजना के संचालकों ने छह साल में 857 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर दिया है। अधिकतर सिर्फ कागज में हैं। कर्मचारियों व बैंकों की उदासीनता से आठ हजार से अधिक महिलाएं बेरोजगार हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 06:33 AM (IST)
कागज पर दम तोड़ रहा राष्ट्रीय आजीविका मिशन
कागज पर दम तोड़ रहा राष्ट्रीय आजीविका मिशन

विनोद कुमार सिंह, चायल : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भले ही सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का दावा कर रही है लेकिन कौशांबी में योजना की जमीनी हकीकत कुछ और है। योजना के संचालकों ने छह साल में 857 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर दिया है। अधिकतर सिर्फ कागज में हैं। कर्मचारियों व बैंकों की उदासीनता से आठ हजार से अधिक महिलाएं बेरोजगार हैं।

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ग्रामीण क्षेत्र में रखने वाली महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार एक अप्रैल वर्ष 2013 से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरुवात की। योजना के तहत हर वर्ष बीपीएल परिवार की 10 हजार महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर स्वरोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया लेकिन मनरेगा उपायुक्त व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने छह साल में 857 स्वयं सहायता समूहों को रजिस्टर्ड किया। इन समूहों को योजना के मुताबिक 15-15 हजार के हिसाब से 22.95 रुपये सहायता राशि दी। कर्मचारियों की शिथिलता से पांच प्रतिशत को अनुदान दिया। ऋण देने में आनाकानी कर रहे बैंक

चायल क्षेत्र की संगीता, राधा, काजल आदि का कहना है कि बैंक से 15 हजार की सहायता राशि मिली। अब ऋण नहीं दिया जा रहा है। इससे स्वयं का स्वरोजगार के लिए अगरबत्ती, मोमबत्ती, डिब्बा, साबुन, दोना-पत्तल , सिलाई, कढ़ाई, अचार, मुरब्बा, जैम, जेली, किराना दुकान, कैंटीन, भैंस पालन, डेयरी, शाकभाजी उत्पादन आदि कुटीर उद्योगों को स्थापित करना है। ब्लाकवार जनपद की स्थिति

ब्लाक समूह सक्रिय सामूह सहायता राशि

चायल 60 11 165000

कड़ा 118 13 195000

कौशांबी 131 24 360000

मंझनपुर 126 31 465000

मूरतगंज 117 20 300000

नेवादा 92 20 300000

सरसवां 59 13 195000

सिराथू 154 21 315000

कुलयोग 857 153 2295000 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को गति देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष समूहों के गठन न होने पर कर्मचारियों से जवाब तलब किया गया है। इस योजना को गति देने के लिए खंड विकास अधिकारियों को निर्देश भी दिया जा चुका है।

लक्ष्मण प्रसाद, पीडी, डीआरडीए।


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