घर के बाहर सो रहे मां-बेटे को कंटेनर ने रौंदा, मौत
संसू सिराथू सैनी कोतवाली क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव में बुधवार की रात तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित हो गया। हाईवे के किनारे घर के बाहर एक परिवार के तीन लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गया। हादसे में महिला समेत एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। शोर सुनकर ग्रामीणों ने चालक को दबोच लिया। मुआवजे की मांग को लेकर रात में ही रास्ता जाम किया। अफसरों ने समझाकर आवागमन बहाल कराया। दूसरा बेटा अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
संसू, सिराथू : सैनी कोतवाली क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव में बुधवार की रात तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित हो गया। हाईवे के किनारे घर के बाहर एक परिवार के तीन लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ गया। हादसे में महिला समेत एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। शोर सुनकर ग्रामीणों ने चालक को दबोच लिया। मुआवजे की मांग को लेकर रात में ही रास्ता जाम किया। अफसरों ने समझाकर आवागमन बहाल कराया। दूसरा बेटा अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।
त्रिलोकपुर निवासी केश लाल मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। हाइवे किनारे उनका घर है। बुधवार की रात गर्मी अधिक होने के कारण केशलाल की 48 वर्षीय पत्नी कौशल्या अपने 20 वर्षीय बेटे राजेंद्र व 14 वर्षीय रावेंद्र के साथ घर के बाहर सो गई। रात करीब दो बजे प्रयागराज से कानपुर की ओर जा रहा कार लदा कंटेनर अचानक अनियंत्रित हो गया और तीनों को कुचलते हुए आगे बढ़ गया। दर्दनाक हादसे में कौशल्या व राजेंद्र की मौके पर मौत हो गई। जबकि रावेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जाम की सूचना पर पहुंचे सीओ सिराथू रामवीर सिंह ने ग्रामीणों को समझाया कि मुआवजा दिलाया जाएगा और चालक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इस पर लोगों ने जाम खत्म किया। घायल रावेंद्र को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। काश! रावेंद्र की बात मान जाते परिजन
संसू, सिराथू : कहावत है कि मौत अपना रास्ता खुद तलाश लेती है..। ऐसा ही कुछ हुआ हादसे वाले दिन। घटना के बाद दहाड़े मारकर रो रहे केशलाल ने बताया कि उसके घायल बेटे रावेंद्र ने मां कौशल्या से कहा था कि मां घर के बाहर न सो लेकिन वह नहीं मानीं। यही कह रही थीं कि सुबह जल्दी उठना है और गर्मी भी बहुत है। चालक को झपकी आई और कंटेनर हुआ अनियंत्रित
हाईवे के दूसरे हिस्से से गुजर रहे कंटेनर चालक को झपकी आने से अचानक गाड़ी अनियंत्रित हुई और डिवाइडर तोड़ते हुए इस पार आ गई। एक ही झटके में दो जिदगी काल के गाल में समा गई। केश लाल ने बताया कि हर दिन उसका परिवार घर के भीतर ही सोता है, लेकिन किस्मत में मौत लिखी थी तो कौशल्या बाहर सोने की जिद पर अड़ गई।