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कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर चिकित्सकों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

जासं, कौशांबी : प्रांतीय चिकित्सक सेवा संघ शासन स्तर पर लंबित मांगों को लेकर दूसरे चरण के आंदोलन में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इसके बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को मुख्यमंत्री संबोधित 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर समस्या के निस्तारण की मांग किया। चिकित्सकों ने यह बताया कि यदि मांगे पूरी न हुई तो वह आंदोलन को तेज करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 09:00 PM (IST)
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर चिकित्सकों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर चिकित्सकों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

जासं, कौशांबी : प्रांतीय चिकित्सक सेवा संघ शासन स्तर पर लंबित मांगों को लेकर दूसरे चरण के आंदोलन में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। इसके बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को मुख्यमंत्री संबोधित 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर समस्या के निस्तारण की मांग किया। चिकित्सकों ने यह बताया कि यदि मांगे पूरी न हुई तो वह आंदोलन को तेज करेंगे।

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जिला अध्यक्ष वीके शुक्ला की अगुवाई में प्रांतीय चिकित्सक सेवा संघ पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रांतीय चिकित्सक सेवा के प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में पूर्व में पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर सार्वजनिक क्षेत्र की चिकित्सा सेवाओं के बेहतर बनाने की मांग की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों से 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं ली जाती है, लेकिन सुविधाओं को लेकर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। सातवें वेतन आयोग के क्रम में मूल वेतन का 35 फीसद प्रैक्टिस भत्ता उपलब्ध कराया जाए। कहा कि शासनादेश के मुताबिक वर्ष में दो बार प्रोन्नति का प्रावधान रखा गया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के पिछले एक साल से चिकित्सकों की प्रोन्नत नहीं किया गया है। बताया कि जिन चिकित्सकों से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उन्हें प्रति केस के हिसाब से दो हजार रुपये दिया जाए। राजपत्रित अवकाश में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही ली जाएं। सेवानिवृत्त की सीमा सरकार में 62 वर्ष की जाय। कुछ चिकित्सक ऐसे हैं जो शारीरिक कमजोरी के कारण 60 वर्ष या इससे पहले सेवानिवृत्त होना चाहते है। उन्हें सरकार को कार्यमुक्त कर दे। उन्होंने कहा की संविदा पर रखे गए विशेषज्ञ चिकित्सकों को ढाई लाख रुपये प्रति माह दिया जाता है। जबकि उन्हें 70000 रुपये ही वेतन दिया जाता है और वह 24 घंटे काम लिया जा रहा है। उनका भी वेतन बढ़ाया जाए। मारपीट की घटना को नियंत्रण रखने हैं चिकित्सकों को सुरक्षा के लिए अस्पतालों में पर्याप्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। सेक्रेटरी डा. सुनील कुमार ¨सह, एडिशनल जनरल सेक्रेटरी डॉ. यश अग्रवाल, उपाध्यक्ष डा. संजीव ¨सह आदि मौजूद रहे।


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