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प्राणायाम से बनाएं मन को शीतल और दूर करें तनाव

कोरोना त्रासदी के इस वीभत्स समय में मन को शांति प्रदान करने के लिए जीवन मे योग का होना नितांत आवश्यक है। योग न सिर्फ मन को शांत और तनाव रहित करता हैबल्कि तन को भी मजबूत करता है। आइये मिलते हैं योग के माध्यम से मन व अपने तन को मजबूत बनाने वाले योग विशेषज्ञ रघुनाथ द्विवेदी शीतली प्राणायाम के विषय के जानकारी दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:14 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:14 PM (IST)
प्राणायाम से बनाएं मन को शीतल और दूर करें तनाव
प्राणायाम से बनाएं मन को शीतल और दूर करें तनाव

संसू, टेढ़ीमोड़ : कोरोना त्रासदी के इस वीभत्स समय में मन को शांति प्रदान करने के लिए जीवन मे योग का होना नितांत आवश्यक है। योग न सिर्फ मन को शांत और तनाव रहित करता है,बल्कि तन को भी मजबूत करता है। आइये मिलते हैं योग के माध्यम से मन व अपने तन को मजबूत बनाने वाले योग विशेषज्ञ रघुनाथ द्विवेदी शीतली प्राणायाम के विषय के जानकारी दे रहे हैं।

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शीतली शब्द का अर्थ है ठंडा करने वाला, यानी वह प्रक्रिया जो हमारे शरीर को शांत कर सकती है और शीतलता की भावना दे सकती है। शीतली शब्द को मूल रूप से शीतल शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है ठंडा या सुखदायक। शीतली प्राणायाम का दैनिक अभ्यास शरीर के साथ मन को शांत करता है। शीतली प्राणायाम का मूल उद्देश्य शरीर के तापमान को कंट्रोल में करना होता है, जिससे हमारे तंत्रिका तंत्र और अंत:स्त्रावी ग्रंथियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्राणायाम का अभ्यास करने से व्यक्ति युवा और आकर्षक हो जाता है। शीतली प्राणायाम करने का तरीका

- किसी भी आरामदायक जगह पर ध्यान करने के आसन में बैठ जायें। हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख लें।

- आंखें बंद कर लें और पूरे शरीर को शिथिल करने की कोशिश करें।

- जहां तक संभव हो सके तनाव के बिना जीभ को मुंह के बाहर बढ़ाएं।

- जीभ के किनारों को रोल करें, ताकि यह एक ट्यूब या नालिका जैसी बन जाए। इस ट्यूब के माध्यम से सांस अंदर लें।

- सांस लेने के अंत में, जीभ को मुंह में वापस अंदर ले लें और आंखें बंद कर लें। नाक के माध्यम से सांस छोड़ें।

- श्वांस लेते समय तेज हवा के समान ध्वनि उत्पन्न होनी चाहिए।

- जीभ और मुंह की छत पर बर्फीली शीतलता का अनुभव होगा। शीतली प्राणायाम के लाभ

- शीतली प्राणायाम शरीर और दिमाग को शीतलता प्रदान करता है।

- यह जैविक ऊर्जा और तापमान विनियमन से जुड़े महत्वपूर्ण मस्तिष्क केंद्रों को प्रभावित करता है।

- शीतली प्राणायाम मानसिक और भावनात्मक उत्तेजना को शांत करता है, और पूरे शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रोत्साहित करता है।

- यह मांसपेशियों को शिथिल करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है।

- सोने से पहले इसे प्रशांतक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

- शीतली प्राणायाम भूख और प्यास पर नियंत्रण देता है, जिससे तृप्ति की भावना पैदा होती है।

- रक्तचाप और उदार की अम्लता को कम करने में मदद करता है। सावधानियां

- जिन्हें हृदय रोग हो, उन्हें शीतली प्राणायाम के अभ्यास में श्वांस नहीं रोकना चाहिए।

- यह अभ्यास कम ऊर्जा केंद्रों के कार्यों को मंद करता है, इसलिए, पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को शीतली प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

- आम तौर पर, इस प्राणायाम को सर्दियों में या ठंडी जलवायु में नहीं करना चाहिए।


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