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धनुरासन से बनाएं शरीर को सुंदर और लचीला

टेढ़ीमोड़ योग आदिकाल से ही विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 09:32 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 09:32 PM (IST)
धनुरासन से बनाएं शरीर को सुंदर और लचीला
धनुरासन से बनाएं शरीर को सुंदर और लचीला

टेढ़ीमोड़ : योग आदिकाल से ही विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता आया है। योग से अनेक फायदे हैं। जरूरत है इसे अपने जीवन मे अपनाने की। धनुरासन योग पेट के बल लेट कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। जो अनेकों स्वास्थ्य फायदे के लिए जाना जाता है। चूंकि इसका आकार धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकारा जाता है। शुरुवाती दौर में लोग धनुरासन करने से घबराते हैं, लेकिन अगर आप इनके सरल तरीकों को जान जाए तो आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं। इसका तरीका

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- सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाए।

- सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े।

- सांस लेते हुए आप अपने सिर, चेस्ट एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।

- शरीर के लचीलापन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं।

- शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें।

- जब आप पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लें तो पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें।

- धीरे-धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े। अपने हिसाब से आसन को धारण करें।

- जब आप मूल स्थिति में आना हो तो लम्बी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।

यह एक चक्र पूरा हुआ।

इस तरह से आप 3-5 चक्र करने की कोशिश करें।

धनुरासन से लाभ -यदि आप सही तरीके से धनुरासन करते हैं तो इसका मतलब यह हुआ की आप भुजंगासन एवं शलभासन दोनो एक साथ कर रहे हैं और दोनों का लाभ उठा रहे हैं। यहां पर धनुरासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे बताया जा रहे है।

- यह आसन व•ान कम करने के लिए एक उत्तम योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और आपके पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है। - यह आसन मधुमेह के रोगियों के लिए अति लाभदायक है।

- ये आसन पीठ दर्द के लिए रामबाण योग है ।

-यह आसन अस्थमा रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है।

- फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है।

- आसन के अभ्यास से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है।

- इसके अभ्यास से कब्ज एवं अपच को दूर किया जा सकता है।

- यह योगाभ्यास विस्थापित नाभि अपनी जगह पर लाने के लिए लाभदायक है।

- यह योगासन थाइरोइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है। साथ ही हॉर्मोन के स्त्राव में मदद करता है।


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