मोहर्रम की पांचवी तारीख को हुई मजलिस
जासं, कौशांबी : मंझनपुर के आजाद नगर मोहल्ले में मुंत•ारुल मेहंदी के अ•ाखने में मोहर्रम की पांचवीं तारीख को मजलिस हुई। इसमें सो•ाखनी के बाद मौलाना शहंशाह हुसैन रि•ावी ने कहा कि मोहर्रम अपने मुल्क (देश) से मोहब्बत का संदेश देता है। इमाम हुसैन अपने नाना मोहम्मद साहब की पवित्र धरती पर खूंरेजी नहीं चाहते थे। इसलिए मजबूर होकर अपना वतन छोड़ा। जाते समय इमाम को वतन छोड़ने का बहुत दुख था। यही कारण है कि मुसलमान खासकर शिया अपने मुल्क से मोहब्बत करता है। अब जो लोग देश से ऩफरत करते हैं और आतंकवाद फैलाते हैं वह हुसैनी नहीं हो सकते।
जासं, कौशांबी : मंझनपुर के आजाद नगर मोहल्ले में मुंत•ारुल मेहंदी के अ•ाखने में मोहर्रम की पांचवीं तारीख को मजलिस हुई। इसमें सो•ाखनी के बाद मौलाना शहंशाह हुसैन रि•ावी ने कहा कि मोहर्रम अपने मुल्क (देश) से मोहब्बत का संदेश देता है। इमाम हुसैन अपने नाना मोहम्मद साहब की पवित्र धरती पर खूंरेजी नहीं चाहते थे। इसलिए मजबूर होकर अपना वतन छोड़ा। जाते समय इमाम को वतन छोड़ने का बहुत दुख था। यही कारण है कि मुसलमान खासकर शिया अपने मुल्क से मोहब्बत करता है। अब जो लोग देश से ऩफरत करते हैं और आतंकवाद फैलाते हैं वह हुसैनी नहीं हो सकते।
कर्बला की जंग के बाद दो ही कौमें बची हैं, एक य•ाीदी दूसरी हुसैनी। जो लोग इमाम को मानते हैं वो देश से कभी भी ऩफरत नहीं कर सकते। अब जो भी आतंकवाद फैलाए समझ लेना कि वो य•ाीदी है। मौलाना ने इमाम पर हुए जुल्म को भी बयान किया। उसके बाद जनाबे अली अकबर का ताबूत निकाला गया। लोगों ने फूलों की चादर चढ़ा कर दुआएं मांगी। बाद में अंजुमन जौहरिया कदीम के नौहाखानों ने नौहा पढ़ा। इसी क्रम में ह•ारतगंज स्थित हाशिम साहब के इमाम बारगाह से भी एक जुलूस निकाला गया। इसमें मौलाना जीशान हैदर रि•ावी ने लोगों को ़िखताब किया। मजलिस के बाद ताबूत अली अकबर और इमाम हुसैन का जुलजनाह निकाला गया। सोगवारों ने •ा्यारत कर रसूलअल्लाह को उनके नवासे का पुरसा दिया। वही अकीदतमंदों ने ताबूत पर फूलों की बारिश की। अंजुमन असगरिया कदीम, अंजुमन असगरिया रजिस्टर व अंजुमन जौहरिया कदीम के नौहाखानों ने नौहा पढ़ा। जुलूस अ•ाखाने से निकल कर कर्बला होते हुए वापस अ•ाखाने में आ कर समाप्त हुआ। दारानगर में हुई शबीह ताबूत की •िायारत
संसू, कड़ा : क्षेत्र के दारानगर में डा. हाशिम के इमाम बारगाह में हम शबीहे पैगम्बर इमाम हुसैन के बेटे जनाब अली अकबर के ताबूत की शबीह बरामद की गई। इस दौरान मौलाना सय्यद महफू•ा अली ने मजलिस को खिताब फरमाते हुए कहा कि इमाम हुसैन के बेटे अली अकबर जिनको कर्बला में इमाम हुसैन के साथ 18 वर्ष की आयु में 3 दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया। इस दौरान बाकर रिजवी ने नौहाख्वानी की। जिसमें दर्जनों अजादार शामिल हुए।