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सुबह-शाम हाथ में लोटा और गांव ओडीएफ

सिराथू विकास खंड के फाजिलपुर गोपालपुर गांव तक अधिकारियों की पहुंच कम ही होती है। ऐसे में यहां पर जमकर मनमानी हुई। गांव को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 100 शौचालय मिले थे। प्रधान ने 80 शौचालय तैयार करने का दावा किया है लेकिन गांव में ये शौचालय दिखते नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 11:40 PM (IST)
सुबह-शाम हाथ में लोटा और गांव ओडीएफ
सुबह-शाम हाथ में लोटा और गांव ओडीएफ

कौशांबी: सिराथू विकास खंड का फाजिलपुर गोपालपुर गांव कौशांबी व फतेहपुर की सीमा में बसा है। इस गांव तक अधिकारियों की पहुंच कम ही होती है। ऐसे में यहां पर जमकर मनमानी हुई। गांव को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 100 शौचालय मिले थे। प्रधान ने 80 शौचालय तैयार करने का दावा किया है, लेकिन गांव में ये शौचालय दिखते नहीं हैं। इसी तरह 20 शौचालय अपूर्ण होने की बात कही गई, जिनकी नींव तक नहीं भरी गई। ऐसे में साफ है कि बिना शौचालय बनाए ही गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया जबकि यहां ज्यादातर लोग खुले में ही शौच जा रहे हैं।

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करीब दो साल पहले बड़े जोर शोर के साथ सांसद विनोद कुमार सोनकर व डीएम ने जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया था। इस दौरान दावा किया गया कि जिला अब खुले में शौच से मुक्त हो गया है। यहां हर जरूरतमंद को शौचालय योजना का लाभ दिया जा चुका है। जो नए परिवार बढ़ रहे हैं। उनको अब योजना का लाभ दिया जाता रहेगा, लेकिन जमीनी हकीकत अधिकारियों के दावे से मेल नहीं खाती। सिराथू के फाजिलपुर गोपालपुर में ओडीएफ की हकीकत देखी तो दावे हवाई साबित हुए। प्रधान मोहम्मद दाउद का दावा है कि गांव को 100 शौचालय आवंटित हुए थे। इनमें 80 का निर्माण पूरा हो चुका है। इनका लोग प्रयोग कर रहे हैं। 20 पर काम चालू है, लेकिन गांव में एक भी शौचालय तैयार और इस्तेमाल के लायक नहीं मिला। किसी की छत नहीं है तो किसी की सीट गायब है। किसी में प्लास्टर नहीं है तो किसी का दरवाजा गायब है। ग्रामीण प्रधान के दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं।

शौचालय योजना का तो लाभ मिला है, लेकिन आज तक शौचालय पूरा नहीं हुआ, ऐसे में पूरा परिवार खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर है।

- रामभवन

हम तो किसी तरह से बाहर चले जाते हैं, लेकिन गांव की बेटियों व बहुओं को बाहर जाने में समस्या होती है। मांग के बाद भी शौचालय का लाभ नहीं मिला।

- जावित्री देवी

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प्रधान से कई बार शौचालय के पैसे मांगे लेकिन आज तक नहीं मिला। इस कारण अब तक शौचालय पूरा नहीं हो सका। आज भी सीट अधूरी है।

- नरेंद्र कुमार शौचालय बनाने के लिए कई बार प्रधान से कहा, लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। अब किसके पास जाएं। एक बार ब्लाक भी गए थे। वहां भी कोई नहीं सुन रहा।

- बिपतनाथ

गांव में जिन लोगों को शौचालय की जरूरत थी। सभी को इसका लाभ दिया गया है। 80 शौचालय बनकर तैयार हैं। 20 अभी शेष है। इनको भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

- मोहम्मद दाउद, प्रधान, फाजिलपुर गोपालपुर


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