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एलओसी नहीं अब पूरा लाहौर बनाई जाए बॉर्डर

जासं कौशांबी देश की सीमा की रक्षा करते हुए सेवानिवृत्त हो चुके सैनिक भी सीमा पर जाने के लिए तैयार हैं। जरूरत केवल एक आवाज देने की है। जिन परिवार के लोगों ने देश की शान बनाए रखने को अपनों को खोया है। उनकी दूसरी पीढ़ी भी एक आवाज के इंतजार में बैठी है। लोगों ने सरकार से मांग की कि अब भारत को एलओसी नहीं पूरे कश्मीर पर तिरंगा फहराना होगा और देश का बार्डर लाहौर के बनने तक अभियान चलता रहे। इसके लिए सरकार कदम बढ़ाए देश साथ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 11:32 PM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 11:32 PM (IST)
एलओसी नहीं अब पूरा लाहौर बनाई जाए बॉर्डर
एलओसी नहीं अब पूरा लाहौर बनाई जाए बॉर्डर

जासं, कौशांबी : देश की सीमा की रक्षा करते हुए सेवानिवृत्त हो चुके सैनिक भी सीमा पर जाने के लिए तैयार हैं। जरूरत केवल एक आवाज देने की है। जिन परिवार के लोगों ने देश की शान बनाए रखने को अपनों को खोया है। उनकी दूसरी पीढ़ी भी एक आवाज के इंतजार में बैठी है। लोगों ने सरकार से मांग की कि अब भारत को एलओसी नहीं पूरे कश्मीर पर तिरंगा फहराना होगा और देश का बार्डर लाहौर के बनने तक अभियान चलता रहे। इसके लिए सरकार कदम बढ़ाए देश साथ है।

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देश की सीमा की सुरक्षा को लेकर जहां सैनिक दिन रात तैनात रहते हैं। आज सीमा पर तनाव की स्थिति है। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को वहां घुसकर नष्ट कर दिया और बड़ी संख्या में आतंकी मार गिराए हैं। देश में सुरक्षा को लेकर हाई एलर्ट है। ऐसे में पूर्व सैनिकों ने एक बार फिर देश की सीमा पर तैनात कर देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा दिखाया है। जिन परिवार के लोग सीमा पर शहीद हुए हैं। उनकी दूसरी पीढ़ी युद्ध के लिए बुलावे का इंतजार कर रही है। सरकार के एक इशारे पर देश की सीमा की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना को बधाई, मनाया जश्न

संस, सिराथू : पुलवामा में 14 फरवारी को कायरता पूर्ण हुए आतंकी हमला के बाद सेना बदला लेने के फिराक में थी। सेना के शहीद होने से जहां लोगों में गम था। वही पाक पर गुस्सा आ रहा था। लोग इसका विरोध भी कर रहे थे। भारतीय सेना ने मंगलवार की भोर एयर स्ट्राइक कर आतंकियों पर बमबारी कर नष्ट करते हुए 300 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। इससे जश्न का माहौल है। लोगों ने पटाखे दगा जश्न मनाया।

बुधवार को सिराथू कस्बे मे युवाओं ने ढोल ताशे के साथ जश्न मनाया और लोगों में मिठाई बांट कर भारतीय सेना को बधाई दी पटाखे दागे व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस मौके पर भारतीय जनहित सेवा संगठन के अध्यक्ष रमन केसरवानी, अरुण केशरवानी, आदि लोग मौजूद रहे। इसी तरह उदहिन बुजुर्ग के बाजार में स्वामी समर्थ पार्टी ने जश्न मनाया पार्टी के अध्यक्ष अजय सोनी ने बार्डर पार पाकिस्तान आतंकियों के ठिकाने पर हुइ सैन्य कार्रवाई से भारत का सीना चौड़ा हो गया। और पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि मिली है। इसी तरह कड़ा क्षेत्र सौरई बुजुर्ग गांव में ग्राम प्रधान राजेंद्र पांडेय व भाजपा नेता जीतलाल गुप्ता के नेतृत्व में विजय जुलूस निकाला गया। इस दौरान लोगों ने भारतीय फौज के कार्रवाई की सराहना किया और लड्डू बांटकर खुशी जताई। इस मौके पर राकेश सविता, अजमेरी, बिरेंद्र विश्वकर्मा, धर्मेद्र आदि लोग रहे। नारा बाजार में भाजपा नेता नीरज मोदनवाल की अगुवाई में दर्जनों लोगों ने सेना की जीत का जश्न मनाया। नीरज ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद एयर सेना की ओर से की गई कार्रवाई ने देश का सीना चौड़ा कर दिया है। पाकिस्तानियों को गोली का निशाना बनाऊं..

अरुणाचल बार्डर पर तैनात सैनिक राममूरत पाल का कहना है कि कुछ दिनों पहले घर आया हूं। अब दुख हो रहा है कि तैनाती अरुणाचल बार्डर पर क्यों मिली। इच्छा है कि एक बार पाकिस्तानियों को अपनी गोली का निशाना बनाऊं।

मैंने कारगिल युद्ध लड़ा है। यह पाकिस्तानी केवल गोली की भाषा समझते हैं। इनसे अब किसी प्रकार की बात करने की जरूरत नहीं। केवल सेना ही इनसे बात करे।

- सुरेंद्र कुमार यादव, निवासी फरीदपुर, पूर्व सैनिक तोपखाना देश की सीमा अनाथ नहीं और न ही हमारे सैनिक किसी से कमजोर हैं। सरकार का फैसला सेना के साथ रहे। जरूरत पड़ी तो हम एक बार फिर कमान संभाल लेंगे।

- कमलेश कुमार, पूर्व सैनिक, गुलामीपुर महुलीपर पति हरिमोहन सैनिक थे। देश की रक्षा के लिए इंजीनियरिग वर्क करते हुए रुड़की में 2002 में हो गई थी। अब 22 वर्षीय बेटा शिवम देश सेवा के लिए तैयार है।

- राजदुलारी देवी, शहीद सैनिक की पत्नी, सिधिया नौ साल श्रीनगर, आरआर व अन्य स्थानों पर तैनात रहा। पूर्व में छूट दी जाती तो यह दिन देखने नहीं पड़ता। आज भी बुलाएं तो परिवार की नहीं सुनकर देश की आवाज सुनेंगे। - रामसूरत पाल, पूर्व सैनिक बेटा चंद्रजीत फौज में है। अवकाश पर घर आया था। आज बुलावा आ गया तो नौकरी पर चला गया। सुनकर अच्छा लगा कि देश की रक्षा में हमारा भी खून शामिल है।

- अनोखेलाल यादव, सीआरपीएफ जवान के पिता


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