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अस्पतालों में नहीं लगा सीसीटीवी कैमरा तो निरस्त होगा लाइसेंस

प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के दौरान पहुंचने वाले मरीजों को काफी असुविधा होती है। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मनमानी करते हैं। इस समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सीएमओ से स्पष्ट किया कि एक सप्ताह के भीतर सभी निजी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगने के लिए निर्देश जारी करें। यहां पर ये सुविधा न उपलब्ध हो वहां का लाइसेंस निरस्त किया जाए। इसके अलावा जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 11:16 PM (IST)
अस्पतालों में नहीं लगा सीसीटीवी कैमरा तो निरस्त होगा लाइसेंस
अस्पतालों में नहीं लगा सीसीटीवी कैमरा तो निरस्त होगा लाइसेंस

कौशांबी : प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के दौरान पहुंचने वाले मरीजों को काफी असुविधा होती है। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मनमानी करते हैं। इस समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सीएमओ से स्पष्ट किया कि एक सप्ताह के भीतर सभी निजी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगने के लिए निर्देश जारी करें। यहां पर ये सुविधा न उपलब्ध हो वहां का लाइसेंस निरस्त किया जाए। इसके अलावा जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की।

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शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम अमित कुमार सिंह की जननी सुरक्षा योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, टीकाकरण कार्यक्रम, एमसीटीएस, नगरीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता, कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पीसीपीएनडीटी तथा राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की। डीएम ने कहा कि आशाएं घर-घर पहुंच कर गर्भवती महिलाओं को चयनित कर उनका रजिस्ट्रेशन कराएं, जिससे शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो और मृत एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आए। सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रसव के 48 घंटे बाद ही प्रसूता महिला को अस्पताल से निकाला जाए। परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि कैंप लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाए गए हेल्थ एवं बैलनेंस सेंटरों को सही ढंग से चलाया जाए। कहा कि ओपीडी में चिकित्सक समय से पहुंचे। अस्पताल में सभी प्रकार की दवा उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। मुख्य विकास अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीएन चतुर्वेदी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश कुमार गुप्ता समेत स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

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