Move to Jagran APP

लक्ष्मण ने मेघनाथ किया वध, दर्शकों ने लगाए जयकारे, चित्रकूट के कलाकार कर रहे रामलीला का मंचन

जिला मुख्यालय मंझनपुर में गुरुवार की रात चित्रकूट से आए कलाकारों ने लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने व मेघनाथ के वध की लीला का मंचन किया। रामलीला परिसर में मौजूद दर्शकों ने मेघनाथ के वध होते ही जयकारे लगाए। इससे माहौल भक्ति हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:47 PM (IST)
लक्ष्मण ने मेघनाथ किया वध, दर्शकों ने लगाए जयकारे, चित्रकूट के कलाकार कर रहे रामलीला का मंचन
लक्ष्मण ने मेघनाथ किया वध, दर्शकों ने लगाए जयकारे, चित्रकूट के कलाकार कर रहे रामलीला का मंचन

कौशांबी। जिला मुख्यालय मंझनपुर में गुरुवार की रात चित्रकूट से आए कलाकारों ने लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने व मेघनाथ के वध की लीला का मंचन किया। रामलीला परिसर में मौजूद दर्शकों ने मेघनाथ के वध होते ही जयकारे लगाए। इससे माहौल भक्ति हो गया।

loksabha election banner

रामचरितमानस पर आधारित चित्रकूट के कलाकारों द्वारा मंझनपुर के अंजहाई बाजार में रामलीला का मंचन चल रहा है। गुरुवार की रात कलाकारों ने मंचन में लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच युद्ध की लीला का मंचन किया। पहले मेघनाथ ने शक्ति बाण चलाए जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो गए। लक्ष्मण को मूर्छित देख प्रभु राम व उनके दल की सेना चितित हो गई। भक्त हनुमान ने लंका से संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए। उसके बाद लक्ष्मण व मेघनाथ के बीच दुबारा युद्ध हुआ, जिसमें लक्ष्मण ने मेघनाथ को मौत के घाट उतार दिया। मेघनाथ के मरते ही दर्शकों ने जयकारे लगाया। रामलीला के आयोजन में रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मुकुंदी लाल केसरवानी, मंत्री पंकज शर्मा, प्रेमचंद चौधरी, आशीष कुमार, बैजनाथ केसरवानी, मनीष कुमार केसरवानी, कल्लू सोनी, पन्ना लाल वर्मा, शिवेंद्र कुमार सभासद का विशेष सहयोग है। दारानगर की रामलीला में धू-धू कर जली रावण की नगरी

दारानगर कस्बे में आयोजित हो रही सजीव रामलीला के मंचन में गुरुवार को लंका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । राम भक्त हनुमान ने रावण की लंका पुरी में आग लगा दी और वह धू-धू कर जलने लगी जिसके बाद दशानन की नगरी में कोलाहल मच गया और सभी लोग अपनी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। नगर पंचायत दारानगर में ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। मंचन के नौवें दिन मां जानकी का पता लगाने समुद्र लांग कर लंकापुरी पहुंचे वीर हनुमान अशोक वाटिका पहुंचे और वहां मां जानकी को भगवान राम का संदेशा सुनाने के बाद फल खाने की इच्छा जाहिर की जिसके बाद वाटिका में लगे पेड़ से फल खाने लगे इस दौरान राक्षसों ने जब उन्हें रोका तो उनका वध कर दिया। दिया जिसके बाद दशानन का बेटा अक्षय कुमार हनुमान जी से युद्ध करने पहुंचा एक ही प्रहार में हनुमान जी ने उसे यमपुरी भेज दिया बेटे की मौत का समाचार सुनकर दशानन क्रोधित हो उठा और इंद्रजीत को बंदर को पकड़ने के लिए भेजा इसके बाद हनुमान जी को मेघनाद ब्रह्मफास में बाध कर रावण के दरबार मे ले गया ।लंकापति रावण ने बजरंगबली की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया राक्षसों ने उनके पूंछ में आग लगा दी जिसके बाद हनुमान जी ने अपनी पूंछ की आग से पूरी लंकापुरी में आग लगा दी इस दौरान पूरा नगर धू-धू कर जलने लगा रहने वाले सभी लोग व्याकुल हो उठे और जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगाने लगे। मंचन के बाद सभी भक्तों ने भगवान राम सीता और लक्ष्मण शहीद वीर हनुमान की आरती उतारी और जयकारे लगाए। प्राकृतिक तरीके से मनाया गया लंका दहन

शहजादपुर में हो रही रामलीला मंचन में नवमी को गुरुवार की शाम की हनुमान ने रावण की लंका जलाकर राख कर डाली। उपस्थित लोगों ने मंचन का भरपूर आंनद उठाया शहजादपुर में लंकादहन पूरी तरह से प्राकृतिक तरी़के से गया। लंका मैदान पर रावण की सभा मे हनुमान का किरदार निभाने वाले को एक बड़ा सा बांस लिए। जिस पर कपड़ा लपेट कर उसमे तेल डालकर आग लगा दी जाती है। जिसे हनुमान लंका मैदान में बनाए गए अशोक वाटिका को छोड़कर पूरे लंका मैदान में दौड़-दौड़कर घुमाते हुए आग लगाते है जिसे आये हुए दर्शक लुत्फ उठाते है कभी-कभी इस भागमभाग में कोई दर्शक भी इसकी चपेट में आ जाते है जिसे न भाग पाने पर हल्की फुल्की चोट लग जाती है। यहां पर होने वाली यह अनोखी लंका दहन है जिसे आसपास के कई गांव के लोग देखने आते है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.