चायल के रुसहाई यमुनाघाट में बालू का अवैध खनन
संसू चायल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनटीजी) की रोक के बावजूद चायल के रुसहाई घाट पर अवैध बालू खनन का कारोबार हो रहा है। बगैर टेंडर के इस घाट से रात्रि के समय ट्रक और ट्रैक्टर पर बालू की ढुलाई की जाती है। तिल्हापुर गांव समेत कई अलग-अलग स्थानों पर अवैध रूप से बालू डंप किया जा रहा है।
संसू, चायल : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनटीजी) की रोक के बावजूद चायल के रुसहाई घाट पर अवैध बालू खनन का कारोबार हो रहा है। बगैर टेंडर के इस घाट से रात्रि के समय ट्रक और ट्रैक्टर पर बालू की ढुलाई की जाती है। तिल्हापुर गांव समेत कई अलग-अलग स्थानों पर अवैध रूप से बालू डंप किया जा रहा है।
चायल के रुसहाई घाट पर जिम्मेदारों की मिलीभगत से माफिया अवैध बालू खनन का कारोबार काफी दिनों से कर रहे हैं। इस अवैध घाट से हर रोज पोकलेन से खुदाई कर सैकड़ों ट्रक बालू अवैध तरीके से डंप करने के साथ साथ प्रयागराज व प्रतापगढ़ भेजा जा रहा है। इससे बालू माफिया को हर रोज मोटी कमाई हो रही है। लोगों की शिकायत पर चार दिन पूर्व एसडीएम चायल घनश्याम कुमार, क्षेत्राधिकारी राजकुमार त्रिपाठी, सरांय अकिल व पिपरी पुलिस बल के साथ रुसहाई घाट पर छापा मारा था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले बालू माफिया को किसी ने जानकारी दे दी और वह घाट से फरार हो गए। चायल एसडीएम की माने तो यमुना घाट से बालू निकालने पुष्टि हुई है। अधिकारियों के अधिकारियों के लौटने के बाद पोकलैंड मशीन से अवैध बालू का कारोबार शुरू कर ट्रक और ट्रैक्टर से ढुलाई शुरू कर दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध बालू कारोबारियों क्षेत्र में दबदबा है। जिसके चलते लोग पुलिस प्रशासन से शिकायत करने से डरते है। उनका कहना है कि अवैध बालू कारोबारियों का पुलिस और खनन विभाग से साठगांठ है। यही वजह है कि कार्रवाई नहीं हो रही है। इस मामले में एसडीएम घनश्याम कुमार का कहना है कि रुसहाई घाट पर अवैध खनन के साक्ष्य मिले है। खनन करने वालों का नेटवर्क ऐसा है कि अधिकारियों के पहुंचने से पहले उन्हें सूचना मिल जाती है और वह मौके से हट जाते हैं। जल्द पुन: छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी।