लाशों को ठिकाने लगाने का मुफीद स्थान बना हाईवे
जासं, कौशांबी : जिले से होकर गुजरा राष्ट्रीय राजमार्ग-2 अपराधियों के लिए काफी मुफीद साबित हो रहा है।
जासं, कौशांबी : जिले से होकर गुजरा राष्ट्रीय राजमार्ग-2 अपराधियों के लिए काफी मुफीद साबित हो रहा है। जनपद में मिलने वाले शवों में अधिकांश हाईवे या फिर अंदरूनी सड़क किनारे ही फेंके जा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण पुलिस के आंकड़े ही हैं। साल भर में कुल 48 शव मिले हैं, जिनमें एक दर्जन लाशें सड़कों किनारे पाई गई हैं। गौर करने वाली बात तो यह है कि सड़कों किनारे मिले दर्जन भर शवों की शिनाख्त पुलिस अब तक नहीं करा पाई है।
जिले में लूट, हत्या व चोरी की वारदातों का ग्राफ घटने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में अज्ञात लाशें पुलिस विभाग के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। दिल्ली से कोलकाता तक निकला राष्ट्रीय राजमार्ग जिले से होकर गुजरता है। फतेहपुर जनपद का सरहदी इलाका अटसराय और प्रयागराज का सरहदी क्षेत्र मंदर मोड़ तक कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं है। साल भर के भीतर सड़कों पर दर्जन भर लाशें मिल चुकी हैं। इनमें सात महिलाओं व पांच पुरुषों के शव हैं, जिनकी शिनाख्त पुलिस अब तक नहीं कर पाई है। किसी मामले में लोग हत्या की आशंका जाहिर करते रहे तो किसी को सड़क हादसा माना गया लेकिन पहचान न होने के चलते मौत का राज अब तक दफन है। सड़क किनारे मिलीं कुछ लाशें
26 जून : सरायअकिल कस्बे में सड़क किनारे 75 वर्षीय वृद्ध की लाश।
19 जुलाई : कोखराज के संदीपन घाट स्थित सड़क किनारे 18 वर्षीय युवती की लाश।
19 अगस्त : कोखराज के सिहोरी कछार सड़क किनारे मिली 28 वर्षीय युवक की लाश।
27 अगस्त : पूरामुफ्ती के मंदरमोड़ स्थित ईटभट्ठा के समीप सड़क किनारे 16 वर्षीय किशोरी की लाश।
19 सितंबर : करारी में सड़क किनारे 55 वर्षीय पुरुष की लाश।
29 सितंबर : करारी में सड़क किनारे 55 वर्षीय महिला की लाश।
2 अक्टूबर : सैनी के पहाड़पुर कोदन गांव स्थित सड़क किनारे 50 वर्षीय अधेड़ की लाश।
23 नवंबर : सैनी के बड़ा मार्ग देवीगंज में सड़क किनारे 30 वर्षीय महिला की लाश।
3 दिसंबर : सरायअकिल के बेनपुर कटइया गांव स्थित सड़क किनारे 19 वर्षीय युवती की लाश।
25 दिसंबर : कोखराज के लाटपुर व चमरूपुर में सड़क किनारे महिला व बच्चे की लाश। जिले की अंदरूनी सड़कों के अलावा हाईवे किनारे अज्ञात शव मिलते हैं। उनकी पहचान के लिए जिले के अलावा गैर जनपदों में भी उनकी फोटो या फिर पोस्टरों के जरिए सहारा लिया जाता है। ऐसे शवों की शिनाख्त के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
- प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक।