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हाई कोर्ट ने नौ शिक्षकों पर चल रही कार्रवाई पर लगाई रोक

जासं, कौशांबी : जिले के विभिन्न विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनके प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन किया गया, लेकिन उनकी टीईटी 2011 की डिग्री का मिलान नहीं हो सका। बीएसए के निर्देश पर 23 शिक्षकों पर कूटरचित दस्तावेज को तैयार नौकरी पाने का मामला दर्ज कराया गया। अब नौ शिक्षकों को कोर्ट ने राहत दी है। जिसमें सात की गिरफ्तारी पर रोक व दो पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के साथ ही नए सिरे से जांच का निर्देश दिया है। शिक्षकों ने बीएसए व एसपी को न्यायालय के आदेश की प्रतियां दी हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:24 PM (IST)
हाई कोर्ट ने नौ शिक्षकों पर चल रही कार्रवाई पर लगाई रोक
हाई कोर्ट ने नौ शिक्षकों पर चल रही कार्रवाई पर लगाई रोक

जासं, कौशांबी : जिले के विभिन्न विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनके प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन किया गया, लेकिन उनकी टीईटी 2011 की डिग्री का मिलान नहीं हो सका। बीएसए के निर्देश पर 23 शिक्षकों पर कूटरचित दस्तावेज को तैयार नौकरी पाने का मामला दर्ज कराया गया। अब नौ शिक्षकों को कोर्ट ने राहत दी है। जिसमें सात की गिरफ्तारी पर रोक व दो पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के साथ ही नए सिरे से जांच का निर्देश दिया है। शिक्षकों ने बीएसए व एसपी को न्यायालय के आदेश की प्रतियां दी हैं।

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जिले में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ अब तक दर्जनों कार्रवाई हो चुकी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने करीब 30 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मुकदमें भी दर्ज कराया है। अगस्त 2018 में टीईटी 2011 की डिग्री का आन लाइन सत्यापन ने हो सकने के कारण तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे सत्येंद्र कुमार ¨सह ने एक साथ 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद नौ शिक्षकों ने अलग-अलग इलाहाबाद हाई कोर्ट में राहत पाने के लिए याचिका डाली। न्यायालय ने सभी को राहत प्रदान की है। न्यायालय ने मंझनपुर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में नामजद शिक्षक अनिल कुमार ¨सह, भरत ¨सह, कैलाश नाथ, मालती देवी, सुरेंद्र कुमार पटेल और कौशांबी थाने में दर्ज मुकदमे में शामिल शिक्षक अमर ¨सह व रामू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही महेवाघाट थाने में दर्ज मुकदमे में शामिल शिक्षक वंदना ¨सह व प्रदीप दत्त शर्मा पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि ऑनलाइन सत्यापन न होने का मतलब मुकदमा दर्ज कराना नहीं है। दोनों के मामले में दोबारा जांच की जाए। शिक्षकों ने न्यायालय के आदेश की प्रतियां विभागीय अधिकारियों के साथ ही एसपी व संबंधित थाने में दी है।

आरोपित शिक्षक अनिल ¨सह ने बताया कि ऑनलाइन सत्यापन न होने की दशा में उन्होंने अपनी डिग्रियों का ऑफलाइन सत्यापन कराया था। जिसमें उनकी डिग्री सही होने की रिपोर्ट भी आई, लेकिन दस्तावेज ऑनलाइन न होने के कारण विभाग ने उसे सही नहीं माना और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया दिया। न्यायालय के उनको राहत दी है।


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