गर्मी आते ही बिगड़ने लगे हैंडपंप, पानी की किल्लत
जासं कौशांबी गर्मी के दस्तक देते ही गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए हैंडपंप दगा देने लगे हैं। हैंडपंपों की हलक सूख जाने से गांव में रह रहे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। बिगड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए ग्रामीण प्रधान व संबंधित खंड विकास अधिकारी से शिकायत कर रहे हैं लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जासं, कौशांबी : गर्मी के दस्तक देते ही गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए हैंडपंप दगा देने लगे हैं। हैंडपंपों की हलक सूख जाने से गांव में रह रहे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। बिगड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए ग्रामीण प्रधान व संबंधित खंड विकास अधिकारी से शिकायत कर रहे हैं लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
भूजल स्तर गिरने की वजह से जनपद के छह विकास खंड क्षेत्र को वर्ष 2010 में सरकार ने डार्कजोन घोषित किया है जिनमें मंझनपुर, सिराथू, चायल, नेवादा, मूरतगंज, कड़ा शामिल हैं। डार्कजोन में हमेशा पानी का संकट रहता है, लेकिन गर्मी के दिनों में स्थित काफी खराब हो जाती है। गांवों लगे कई हैंडपंप पानी नहीं दे रहे हैं। विकास खंड मंझनपुर की ग्राम पंचायत ओसा, टिकरी, विकास खंड सिराथू के रमसहाईपुर, तेरहरा, शमसाबाद आदि गांव में लगाई गए हैंडपंपों में से कई हैंडपंप खराब हैं। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार हैंडपंपों को नहीं बना रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस ओर ध्यान न दिया गया तो पानी के लिए उन्हें नलकूपों का सहारा लेना पड़ेगा। तराई के गांवों में पानी के लाले
यमुना और गंगा की तराई वाले गांव पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। यमुना के तराई वाले गांव औधन, सेंवढ़ा, सैतपुर, दुर्गापुर, पुरखासा, नंदा का पूरा, कटैया, मकदूमपुर, नसीरपुर, शेरगढ़ आदि गांवों में पानी की समस्या बढ़ने लगी है। इसी प्रकार गंगा की तराई में उमरछा, उजिहिनी खालसा, मोहिउद्दीनपुर कछार, कुरई, मोहनापुर, महगांव आदि गांवों में भी पानी का जबरदस्त संकट खड़ा हो गया है।