मछली पालने के लिए सरकार दे रही है अनुदान
जासं, कौशांबी : सरकार कृषि उत्पादन के साथ-साथ मत्स्य पालन पर विशेष जोर जोर दे रही है। इसके पीछे मंशा
जासं, कौशांबी : सरकार कृषि उत्पादन के साथ-साथ मत्स्य पालन पर विशेष जोर जोर दे रही है। इसके पीछे मंशा है कि किसानों की आय दोगुनी और पट्टे पर तालाब आवंटित कराकर मछली पालन के जरिए बेरोजगार मजबूत हों। नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए पालन विभाग को कई दिशा-निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने इस बार जनपद में मछली पालन कराने का फैसला लिया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि कोई भी तालाब खाली न रहे। उसमें मछली पालन का कार्य कर भूमिहीन व बेरोजगार परिवार रोजी-रोटी चला सकें। 2018-19 वित्तीय वर्ष में जनपद की दस हेक्टेयर भूमि पर मछली पालन का कार्य कराया जाएगा। चयनित लाभार्थियों को तालाब के सुधार व मछली के बीज खरीदने के लिए सरकार अनुदान भी देगी। शासन के निर्देश पर लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन को तालाब आवंटित है। वे क्षेत्रीय व जिला मुख्यालय स्थित मत्स्य विभाग कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करें। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुदान दिया जाएगा।
मत्स्य पालन के कार्य में खर्च 50 लाख
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पारसनाथ में बताया कि मछली पालन के कार्य में 50 लाख खर्च होंगे। 10 हेक्टेयर भूमि पर मत्स्य पालन का कार्य होगा। इसमें चयनित लाभार्थियों के प्रति हिसाब की दर से पांच-पांच लाख रुपये खर्च होंगे, दो लाख रुपये प्रदेश सरकार अनुदान देगी। मत्स्य पालन का कार्य कर बेरोजगार मजबूत होंगे।
अब तीन सदस्य कमेटी करेगी चयन
शासनादेश के मुताबिक मत्स्य पालन के कार्य के लिए जिन लाभार्थियों का चयन तीन सदस्य कमेटी करेगी। शासन ने मुख्य विकास अधिकारी को कमेटी का गठन करने के लिए शासन से निर्देश दिया गया है। लाभार्थियों के चयन के लिए जल्द ही तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इससे बेरोजगार आर्थिक स्थिति में सुधारें।