जयंती पर सूने रहे गांधी चबूतरे, नहीं हुए कार्यक्रम
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर पूरे जनपद में सफाई अभियान चलाया गया। वही जनपद में बनाए गए आधा दर्जन गांधी चबूतरे बदहाल हैं। दशकों पूर्व बनाए गए गांधी चबूतरों की न तो सफाई कराई गई और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ। देखरेख के अभाव में वर्षों पहले बनाए गए गांधी चबूतरा बदहाल हैं। जिला मुख्यालय मंझनपुर में गांधी पार्क की हालत खराब है।
जासं, कौशांबी : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर पूरे जनपद में सफाई अभियान चलाया गया। वही जनपद में बनाए गए आधा दर्जन गांधी चबूतरे बदहाल हैं। दशकों पूर्व बनाए गए गांधी चबूतरों की न तो सफाई कराई गई और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ। देखरेख के अभाव में वर्षों पहले बनाए गए गांधी चबूतरा बदहाल हैं। जिला मुख्यालय मंझनपुर में गांधी पार्क की हालत खराब है।
जिला मुख्यालय मंझनपुर में दशकों पूर्व गांधी चबूतरा बनाया गया था। शाम-सुबह इसी चबूतरे पर बैठकर लोग गांधी के योगदान पर चर्चा करते थे। इसके अलावा अपनी समस्या भी एक-दूसरे को बताते थे। वर्ष 2010 में चबूतरे को तोड़कर गांधी पार्क का निर्माण कराया गया था। पहले बच्चे पार्क में खेला करते थे। अब पार्क बदहाल हो गया है। साथ ही वहां के लोगों को व नगर पंचायत प्रशासन से कहा कि यह पार्क गांधी जी की निशानी है। इसके मद्देनजर की साफ-सफाई हर दिन कराई जाए इससे यहां पर बच्चे खेले और गांधी जी के विचारों को समझे। चरवा के गांधी चबूतरा बदहाल
संसू, चरवा : सोमवार को गांधी जयंती पर जिले भर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस दौरान लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया, लेकिन चरवा गांव के ऐतिहासिक गांधी चबूतरे की न तो सफाई की गई और न ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ। बुजुर्गों की माने तो दो दशक पूर्व इस चबूतरे में शाम- सुबह लोग बैठकर गांधी जी याद करते थे। आज गांधी को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां राजनीति कर रहे हैं। वहीं चरवा में बनाई गए चबूतरे की सुधि लेने वाला कोई नहीं हैं। गांधी की जो मंदिर है वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है और मंदिर के पास गंदगी है। कांग्रेस व भाजपा के नेता गांधी की बातें करते हैं लेकिन चरवा के चबूतरे में श्रद्धांजलि देने के लिए कोई भी गांधी पहुंचे और और न ही साफ सफाई कराई गई। अझुवा के गांधी चबूतरा के पास अतिक्रमण
नगर पंचायत अझुवा के वार्ड 11 नेता नगर में नगर छह दशक पूर्व गांधी चबूतरा बनाया गया है। पहले यहां पर लोग एकत्रित होकर गांधी के विचारों को एक-दूसरे तक पहुंचाते थे। दो अक्टूबर को गांधी जयंती मनाया है। इसको लेकर पहले से सफाई अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन नगर पंचायत अझुवा में बने गांधी चबूतरे की सफाई नहीं कराई गई और न गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्र पिता को याद किया गया। आज चबूतरे के चारों ओर अवैध कब्जा है। शिकायत के बाद भी नगर पंचायत प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। 1950 में बनाया गया था महात्मा गांधी चबूतरा
विकास खंड सरसवां क्षेत्र के जाफरपुर महावां गांव में 1950 में महात्मा गांधी चबूतरा बनाया गया था। पहले इस चबूतरे में बैठकर पंड़ित द्वारिका प्रसाद शाम-सुबह गांव के लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को लोगों तक पहुंचाते थे। आज यह बदलहाल है। गांधी चबूरते के पास अतिक्रमण है और गंदगी भी फैली हुई। गांधी जयंती के अवसर पर भी तबूतरे की सफाई नहीं कराई न ही कोई कार्यक्रम हुआ। पूर्व में बनाए गए गांधी चबूतरे से अतिक्रमण हटाने वाले कोई नहीं है।