गो संरक्षण स्थल निर्माण को पैमाइश में खेल
चायल तहसील के मूरतगंज मलाका गांव में गोसंरक्षण केंद्र का निर्माण होना है। इसके लिए भूमि को चिह्नित किया जाना है जिस लेखपाल को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। उसने पैमाइश में खेल कर दिया। जिससे भूमि संबंधी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका। अब इस मामले को लेकर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सक्रियता दिखाते हुए एसडीएम को सूचना देते हुए कार्रवाई करने व दूसरे लेखपाल से पैमाइश कराने की मांग की है।
जासं, कौशांबी : चायल तहसील के मूरतगंज मलाका गांव में गोसंरक्षण केंद्र का निर्माण होना है। इसके लिए भूमि को चिह्नित किया जाना है जिस लेखपाल को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। उसने पैमाइश में खेल कर दिया। जिससे भूमि संबंधी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका। अब इस मामले को लेकर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सक्रियता दिखाते हुए एसडीएम को सूचना देते हुए कार्रवाई करने व दूसरे लेखपाल से पैमाइश कराने की मांग की है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीपी पाठक ने बताया कि निराश्रित गोवंश के लिए मलाका गांव में गो संरक्षण केंद्र का निर्माण किया जाना है। इसके लिए गांव की गाटा संख्या 21 में 2.420 हेक्टेयर व गाटा संख्या 29 में 0.300 हेक्टेयर की परती व ऊसर भूमि को चिह्नित किया गया है। इस भूमि की पैमाइश के लिए तहसील की ओर से लेखपाल नियुक्त किया गया लेकिन लेखपाल ने पैमाइश में खेल कर दिया। आधी भूमि को गोसंरक्षण केंद्र के निर्माण के लिए चिह्नित कर दिया साथ ही आधी भूमि को किसी अन्य की दिखा दी जिससे उस भूमि का चिह्निकरण नहीं हो सका। बीते दिनों डीएम ने निरीक्षण किया तो आधी भूमि खाली देखकर नाराजगी जताई थी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने एसडीएम चायल को पत्र लिखकर किसी अन्य लेखपाल से जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि दोषी लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रधान ने सचिव को दी गोली मारने की धमकी
जासं, कौशांबी : चायल के हरदुआ प्रधान से एक सचिव को जान का खतरा है। सचिव ने खंड विकास अधिकारी को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी है। साथ ही उन्होंने दबंग प्रधान के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। शौचालय निर्माण के भुगतान व हैंडपंप की मरम्मत के नाम पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए गांव के लोगों ने प्रधान हरदुआ की शिकायत की थी। इस पर डीपीआरओ व एडीओ पंचायत सोमवार को जांच के लिए गांव पहुंचे। ग्राम पंचायत सचिव धनराज सिंह का आरोप है कि वह अधिकारियों की जांच में सहयोग कर रहे थे। जिससे प्रधान बेनी सिंह खफा हो गए। पहले तो उन्होंने अधिकारियों के सामने ही उनके साथ गाली गलौज की और इसके बाद उन्हों गोली मारने की धमकी दे डाली। प्रधान की धमकी से डरे सहमे सचिव ने खंड विकास अधिकारी को अवगत कराते हुए ग्राम पंचायत की जिम्मदारी उठाने में असमर्थता दिखाई है। उन्होंने किसी दूसरे गांव की जिम्मेदारी देने की मांग की है।