मंझनपुर से मुंडेरा मंडी का प्रति बोरा भाड़ा 35 रुपये बढ़ा
कोरोना काल में सबसे अधिक परेशानी किसानों को हो रही है। लॉकडाउन के दौरान वाहन न चलने की वजह से किसान सब्जी व फल को बाहर नहीं भेज पा रहे थे। अब वाहनों के आवागमन पर छूट दी गई तो वाहन चालकों द्वारा बढ़ाए गए भाड़े को लेकर किसान काफी परेशान हैं। किसानों की माने तो पहले से अब किराया दोगुना कर दिया गया है। इससे परेशानी हो रही है।
जासं, कौशांबी : कोरोना काल में सबसे अधिक परेशानी किसानों को हो रही है। लॉकडाउन के दौरान वाहन न चलने की वजह से किसान सब्जी व फल को बाहर नहीं भेज पा रहे थे। अब वाहनों के आवागमन पर छूट दी गई तो वाहन चालकों द्वारा बढ़ाए गए भाड़े को लेकर किसान काफी परेशान हैं। किसानों की माने तो पहले से अब किराया दोगुना कर दिया गया है। इससे परेशानी हो रही है।
जिले की 70 फीसद आबादी कृषि पर आधारित हैं। यहां के किसान सब्जी की खेती के साथ बागवानी भी करते हैं। सिराथू क्षेत्र के रामसहाईपुर के किसान रमेश चंद्र, लवकुश, रूपनाराणपुर गोरियों गांव के राम सिंह, राजकरन, ओसा के बेंचू लाल का कहना है कि वह गर्मी के मौसम में सब्जी, खीरा, तरबूज की खेती किए थे। लॉकडाउन होने की वजह से उपज को मंडी नहीं भेज सके थे। इससे काफी नुकसान हुआ। कहा कि अब वाहनों का आवागमन शुरू हुआ तो फल व सब्जी को मंडी तक पहुंचाने का किराया दोगुना हो गया है। पहले सिराथू से प्रयागराज स्थित मुडेरा मंडी का भाड़ा 40 रुपये प्रति बोरा था। अब बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया गया है। ओसा के नरेश चंद्र ने बताया कि पहले ओसा से मुडेरा मंडी का किराया 35 रुपये प्रति बोरा था। अब इसे बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया है। वाहन चालकों द्वारा किराया बढ़ाने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। किसानों की शिकायत के बाद समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। गांव से माल मंडी ले जाने के लिए भाड़ा बढ़ गया है। पहले की अपेक्षा सामान के भाड़े में ही दोगुने पैसे खर्च हो जाते हैं। पहले एक बोरा बैंगन, मिर्च का माल भाड़ा 30 रुपये था। अब 50 रुपये प्रति बोरा चुकाने पड़ रहे हैं। --कमलाकर सिंह फल व सब्जियों को थोक बेचने के लिए प्रयागराज मुंडेरा ले जाते हैं। चालकों ने भाड़ा को दोगुना कर दिया है। इसकी वजह से सब्जियों व फलों में होने वाले मुनाफे उसी में ही खर्च हो जाते हैं। जबकि खेत की सब्जियों के उचित मूल्य भी नहीं मिलते, इससे काफी नुकसान हो रहा है।
- शिवबाबू यादव सब्जियों व फलों के उचित मूल्य नहीं मिलते जिससे किसानों को खेत में लगे खाद व सिचाई की लागत ही निकालना मुश्किल हो रहा है। साथ ही बोझा ढोने के बढ़े गाड़ी के किराए ने किसानों के हालत बिगड़ दिए।
उमेश कुमार इन दिनों आम व आने वाले सावनी अमरूद को बेचने के लिए नवीन मंडी गाड़ियों द्वारा ले जाते हैं। पहले जहां प्रयागराज मुंडेरा मंडी का एक कैरेट का भाड़ा दस रुपये लगता था अब वहीं 20 रुपये लगने लगा। जिससे होने वाला मुनाफा भाड़ा में चला जाता है।
- रामचंद्र