अंतरजनपदीय गैंग के चार बदमाश गिरफ्तार, पिस्टल व बम बरामद
सैनी कोतवाली क्षेत्र में कैशवैन लूटने का प्रयास और महेवाघाट में पशु व्यापारी से लूटकांड का पर्दाफाश जोनल क्राइम ब्रांच प्रयागराज की मदद से जिले की पुलिस ने किया है।
जासं, कौशांबी : सैनी कोतवाली क्षेत्र में कैशवैन लूटने का प्रयास और महेवाघाट में पशु व्यापारी से लूटकांड का पर्दाफाश जोनल क्राइम ब्रांच प्रयागराज की मदद से जिले की पुलिस ने किया है। वारदात में शामिल चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से पिस्टल, तमंचा व बम समेत लूट के रुपये भी बरामद किए हैं। प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने इस मामले की जानकारी दी।
सैनी के ननसैनी गांव के समीप 30 दिसंबर को कार सवार बदमाशों ने बमबाजी व गोलीबारी करते हुए 45 लाख रुपये से भरी कैश वैन को लूटने का प्रयास किया था। मुठभेड़ के दौरान कोखराज के ननमई गांव के समीप एक बदमाश को दबोच लिया गया था। पकड़े गए बदमाश ने अपनी पहचान बलवंत कुशवाहा निवासी शुक्लाहा भरनवा मिर्जापुर के रूप में बताई थी। एसपी के मुताबिक बुधवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कोखराज के नथई का पुरवा गांव के समीप से चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। सभी बदमाशों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। पकड़े गए आरोपितों ने अपनी शिनाख्त कौशल श्रीवास्तव उर्फ गगन पुत्र राधेमोहन निवासी अबूबकरपुर धूमनगंज प्रयागराज, धीरज यादव पुत्र विजय बहादुर निवासी धूमनगंज प्रयागराज, गोलू सोनी उर्फ बच्चा पुत्र विनोद कुमार निवासी महुवरिया, सदर कोतवाली मिर्जापुर व देवानंद श्रीवास्तव उर्फ बबलू पुत्र स्वर्गीय राजेश श्रीवास्तव निवासी इकारी थरियांव फतेहुपर के रूप में दी। पकड़े गए आरोपितों ने कैशवैन को लूटने के प्रयास के अलावा अक्टूबर में महेवाघाट थाना क्षेत्र के फतेहपुर के पशु व्यापारी से साढ़े तीन लाख रुपये लूट का भी जुर्म कबूल किया। उनके पास से पुलिस ने 7.65एमएम की पिस्टल, देशी तमंचा, दो जिदा बम, पशु व्यापारी से लूटे गए रुपयों में से साढ़े आठ हजार रुपये, बिना नंबर की दो बाइक, कैशवैन लूट में शामिल कार को बरामद किया है। संजय हत्याकांड ने पुलिस का रास्ता किया आसान
कैशवैन लूट के प्रयास व पशु व्यापारी लूटकांड का पर्दाफाश करने में पुलिस को मदद संजय हत्याकांड से मिली है। एसपी ने बताया कि गैंग के सरगना कौशल श्रीवास्तव का प्रयागराज के झूंसी सहसों निवासी संजय श्रीवास्तव से दोस्ती थी। संजय भी इनके साथ वारदातों को अंजाम देता था, लेकिन कौशल का संजय की पत्नी रानी से संबंध होने के कारण दोनों के रिश्ते में खटास आने लगी। कौशल ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि 24 दिसंबर को कसारी-मसारी चौराहा के निकट साथी धीरज व बबलू श्रीवास्तव की मदद से संजय की हत्या कर दी। बाद में संजय की लाश बरामद हुई। फतेहपुर पुलिस कातिलों की तलाश कर रही थी। गौर करने वाली बात यह है कि कौशल पूर्व में कैशवैन की कंपनी में कस्टोडियन की नौकरी करता था। संजय की हत्या के बाद गैंग के सभी सदस्यों ने कैशवैन को लूटने की योजना तैयार की। इसमें संजय की गाड़ी का प्रयोग इस लिए किया कि वह कार को छोड़कर फरार हो जाएंगे और पुलिस संजय पर आशंका जाहिर करेगी। जबकि संजय की हत्या पहले से हो चुकी है, इस पर कहानी यहीं से खत्म हो जाएगी। बहरहाल बदमाशों की इस योजना पर पानी फिर गया। मुठभेड़ के दौरान भागते समय संजय श्रीवास्तव का मोबाइल घटना में शामिल कार में छूट गया। कार बरामदगी के बाद पुलिस ने उसकी डिक्की में काफी मात्रा में खून देखा तो किसी के कत्ल की आशंका हो गई। मोबाइल व कार के जरिए पुलिस टीम संजय की पत्नी रानी तक पहुंची। पूछताछ के बाद सभी आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर धर-पकड़ कर ली गई।