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धूम-धड़ाम में उड़ गए चार करोड़, आसमान रहा सतरंगी

प्रकाश पर्व पर इस बार लोगों ने चायनीज के सामानों की खरीद कम किया। देशी पटाखों और झालरों की बिक्री अधिक हुई। ऐसे में इस रोजगार से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है। स्थानीय कामगारों की दीपावली भी अच्छी रही। शाम से पटाखे व राकेट छुटने लगे। इससे आसमान पूरी रात सतरंगी रहा है। व्यापारी की माने तो दीपावली की रात ही चार करोड़ के पटाखे फूट गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 09:10 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 09:10 PM (IST)
धूम-धड़ाम में उड़ गए चार करोड़, आसमान रहा सतरंगी
धूम-धड़ाम में उड़ गए चार करोड़, आसमान रहा सतरंगी

जासं, कौशांबी : प्रकाश पर्व पर इस बार लोगों ने चायनीज के सामानों की खरीद कम किया। देशी पटाखों और झालरों की बिक्री अधिक हुई। ऐसे में इस रोजगार से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है। स्थानीय कामगारों की दीपावली भी अच्छी रही। शाम से पटाखे व राकेट छुटने लगे। इससे आसमान पूरी रात सतरंगी रहा है। व्यापारी की माने तो दीपावली की रात ही चार करोड़ के पटाखे फूट गए।

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पटाखा बाजार में हर बार चाइनीज आइटम की धूम रहती थी। स्थानीय कामगारों ने खूब फायदा उठाया। बाजार में गुजरिया, बबलू, मोटू, पतलू सहित तमाम आतिशबाजी के आइटम कामगारों ने बनाकर बाजार में उतारा था। प्रशासन ने पटाखे की दुकान के लिए बस्ती से बाहर स्थान निर्धारित किया। मंझनपुर, चायल, करारी, सरायअकिल, देवीगंज, कड़ा, टेंवा, पश्चिमशरीरा,दारानगर, मनौरी, पूरामुफ्ती आदि बाजारों में पटाखे की दुकाने लगाई गई थी। 76 दुकानों में सजे आतिशबाजी के आइटम की बिक्री की गई। दीपावली के दिन तकरीबन पांच छह के आतिशबाजी के सामान बिके। बिना धुआं वाले भी जुटे पटाखे

प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने को लेकर की जा रही पहल को भी खासा असर दिखा। इस बार बाजार में तमाम ऐसे पटाखे मौजूद थे, जिसमें नाम-मात्र का धुंआ हो रहा था। सबसे आकर्षक धागा वाली चुटपुटिया थी। इसमें धुआं नहीं था। छोटा बच्चा भी इसे आसानी से छुटा सके।


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