मदरसों में हुआ ध्वजारोहण और राष्ट्रगान
कौशांबी । जिले भर के सभी मदरसों में ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ।
कौशांबी । जिले भर के सभी मदरसों में ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। इसके लिए किसी भी मदरसे ने आपत्ति नहीं की है। सभी मदरसों में इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। कौशांबी 11 मदरसे वित्तपोषित हैं। इनके अलावा 60 मदरसे मान्यताप्राप्त हैं। इन सभी में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।
सैयदसरावां के मदरसा जामिया अरीफिया, मंझनपुर के मदरसा दरुल उलूम एहसानिया, करारी के मदरसा जामिया इमदादुल आदि में ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। इस मौके पर सैयदसरावां के मदरसे में मौलाना जीशान अहमद मिस्बाही ने कहा किमुसलमान इस देश का अभिन्न हिस्सा हैं। देश की स्वतंत्रता में उनकी अविस्मरणीय भूमिका है। मुसलमानों ने अपनी जान पर खेलकर देश को आजाद कराया है और उसकी सुरक्षा की है। अल्लामा ़फ•ाल ए ह़क खैराबादी से अश़फा़कुल्लाह ़खान तक इतिहास के सुनहरे पेज इस बात के गवाह हैं। इधर कुछ दिनों से साम्प्रदायिक शक्तियां लगातार मुसलमानों की वफादारी और देशभक्ति को संदिग्ध करार देने में प्रयासरत हैं जिन्हें भारतीय मुसलमान कभी सफल नहीं होने देंगे। हमारे उलमा ने स्वतंत्रता के लिए प्रयास किया और अपना तन मन धन बलिदान किया। आज आजादी के दिन झंडा फहराने और स्वतंत्रता दिवस मनाने पर हम गर्व महसूस करते हैं। घृणा की राजनीति करने वालों से हमें वफादारी और वतन दोस्ती के लिए कोई प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। जामिया आरिफिया के मु़फ्ती रहमत अली मिस्बाही ने बताया कि मुल्क के तमाम मुसलमान देश का राष्ट्रीय गान अपने स्कूलों और मदरसों में पढ़ते आए हैं और पढ़ते रहेंगे। राष्ट्रीय गान पढ़ने पर मुसलमानों ने कभी कोई विरोध नहीं किया। सभी मत के उलमा और मशाईख और आम मुसलमानों के बच्चे स्कूलों और मदरसों में राष्ट्रीय गान गाते ही रहे हैं। जामिया आरिफिया महाप्रबंधक मौलाना हसन सईद सफ़वी और जामिया के ¨प्रसिपल मौलाना मोहम्मद इमरान हबीबी ने झंडा फहराया। साथ ही देश के राष्ट्रीय गान के साथ अन्य राष्ट्रीय गीत भी गाए गए।