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5304 बच्चों को खोजकर स्कूल पहुंचाना बनी चुनौती, डोर टू डोर सर्वे कर शिक्षक बच्चों को कर रहे चिह्नित

कोविड संक्रमण काल के दौरान लंबे समय तक विद्यालय बंद रहे। ऐसे में बच्चों को स्कूल जाना छूट गया। करीब एक साल बाद विद्यालय खुले तो तमाम बच्चे विद्यालय नहीं पहुंचे। शारदा अभियान क रिपोर्ट के अनुसार राज्य में छह लाख 47 हजार 497 बच्चे आउट आफ स्कूल हो गया। जब देश में यह आंकड़ा करीब तीन करोड़ 22 लाख है। जिले में 5304 बच्चों के स्कूल न जाने का अनुमान है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:45 PM (IST)
5304 बच्चों को खोजकर स्कूल पहुंचाना बनी चुनौती, डोर टू डोर सर्वे कर शिक्षक बच्चों को कर रहे चिह्नित
5304 बच्चों को खोजकर स्कूल पहुंचाना बनी चुनौती, डोर टू डोर सर्वे कर शिक्षक बच्चों को कर रहे चिह्नित

कौशांबी। कोविड संक्रमण काल के दौरान लंबे समय तक विद्यालय बंद रहे। ऐसे में बच्चों को स्कूल जाना छूट गया। करीब एक साल बाद विद्यालय खुले तो तमाम बच्चे विद्यालय नहीं पहुंचे। शारदा अभियान क रिपोर्ट के अनुसार राज्य में छह लाख 47 हजार 497 बच्चे आउट आफ स्कूल हो गया। जब देश में यह आंकड़ा करीब तीन करोड़ 22 लाख है। जिले में 5304 बच्चों के स्कूल न जाने का अनुमान है। अब इन बच्चों की तलाश बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है। इन बच्चों को खोजना और स्कूल पहुंचाना विभाग के लिए चुनौती बना है।

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कोविड संक्रमण ने देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं सामाजिक ढांचे को भी प्रभावित किया है। ऐसे में परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। संक्रमण के दौरान बंद हुए विद्यालय एक साल बाद खुले तो तमाम बच्चे विद्यालय नहीं लौटे। कौशांबी में करीब 5304 बच्चों का अनुमान है कि वह विद्यालय न आकर कोई दूसरा काम कर रहे हैं। वह अपने माता पिता के साथ या तो स्थान छोड़ चुके हैं या फिर उनके साथ किसी होटल, ईंट भट्ठा, दुकान आदि में काम करने लगे। यह भी माना जा रहा है कि पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इन लोगों ने कचरा बीनने का काम शुरू कर दिया। अब इन बच्चों को खोजना विभाग के लिए चुनौती है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि बच्चों की संख्या एक अनुमानित है। जरूरी नहीं कि इतने ज्यादा संख्या में बच्चों ने विद्यालय छोड़ा हो, हमारे जिले में करीब 10 हजार नए बच्चों ने विद्यालय में प्रवेश लिया है। फिर भी राज्य से मिली सूचना के क्रम में शिक्षकों को डोर टू डोर सर्व करने और स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिह्नित कर विद्यालय लाने का निर्देश दिया गया है।


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