दोआबा के जेल में अब बंदियों को नहीं मिलेगी जली रोटी
िह ि दोआबा के जेल में अब बंदियों को नहीं मिलेगी जली रोटी
दोआबा के जेल में अब बंदियों को नहीं मिलेगी जली रोटी
पाजिटिव न्यूज का लोगो लगाएं ::
फोटो- 21
- भोजन बनाने वाले बंदियों की मेहनत हुई कम
जासं, कौशांबी : जिला जेल में बंदियों को मिलने वाली कच्ची व जली रोटियों से अब छुटकारा मिल जाएगा। जेल प्रशासन ने इलेक्ट्रानिक रोटी मशीन मंगवा दी है। कम समय में बंदियों को काफी सहूलियत देने वाला यह रोटी मेकर एक घंटे में ढाई से तीन हजार रोटियां तैयार करेगा। यही नहीं, भोजन को गरम रखने के लिए इंसुलेटेड बर्तन की भी व्यवस्था की गई है। मशीन और बर्तनों को आपरेट करने के लिए बंदियों को ट्रेनिंग की जा रही है।
जिला जेल में बंदियों को रोटी पकाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। 25 से 30 बंदी इस काम में लगते थे। ऐसे में वक्त तो खराब होता ही था, साथ में रोटियां भी जली और कच्ची बनती थीं। इस समस्या को दूर करने के लिए जिला कारागार में रोटी मेकर की व्यवस्था कर ली गई है। जो एक घंटे में करीब तीन हजार रोटियां बना रही है। इसके अलावा आटा गूंथने की मशीन और भोजन को गरम रखने के लिए अलग से इंसुलेटेड बर्तन मंगाया गया है। दो दिन पहले जेल के भोजनालय में पहुंची इलेक्ट्रानिक मशीन और बर्तन में किस प्रकार से भोजन रखना है, कैसे रोटी बनानी और आटा गूंथना है, इसकी बंदियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही उद्घाटन करते हुए व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। जेल के भोजनालय में खासतौर से उन्हीं नए बंदियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिनके मुकदमे में कम सजा का प्रविधान है। इसमें चोरी की धारा, आर्म्स एक्ट, शराब की तस्करी आदि धाराओं के आरोपित शामिल हैं। जेल के भोजनालय में नई व्यवस्था लागू हो जाने से न केवल भोजन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। बल्कि ऐसे बंदियों को भोजनालय में काम करने से भी मुक्ति मिलेगी। जिला जेल अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया की बंदियों को गुणवत्तायुक्त और गरम भोजन देने के उद्देश्य से भोजनालय को अपग्रेड किया गया है।