कृषि अवशेष जलाने पर किसानों को भरना होगा जुर्माना
जिले में धान की कटाई के बाद भारी पैमाने पर किसान फसल के अवशेष जला देते हैं। इससे वातावरण बेहद प्रदूषित होता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। सांस के रोगी बढ़ते हैं।
जिले में धान की कटाई के बाद भारी पैमाने पर किसान फसल के अवशेष जला देते हैं। इससे वातावरण बेहद प्रदूषित होता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। सांस के रोगी बढ़ते हैं। ऐसे में खेतों में अवशेष जलाने पर अंकुश लगाने के लिए तीनों तहसीलों में टीम का गठन कर लिया गया है। यह कमेटी किसानों पर निगाह बनाए रखेगी। किसी किसान ने फसल के अवशेष जलाए तो उसके खिलाफ तीन दिनों में नायब तहसीलदार स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। दोषी मिलने पर किसान खिलाफ मुकदमा या जुर्माना की कार्रवाई होगी।
शासन की ओर से फसल के अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। किसान खेतों में फसलों के अवशेष न जलाएं, लिहाजा शासन की ओर से पूर्व में तैयारी किए जान का निर्देश दिया गया है। हर तहसील में एसडीएम की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया है। इस कमेटी का अध्यक्ष एसडीएम को बनाया गया है। इसके अलावा सीओ, उप संभागीय कृषि अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी कृषि को सदस्य बनाया गया है। सभी मिलकर क्षेत्र में किसानों को फसल के अवशेष जलाने से रोकेंगे। फसल कटाई से पूर्व न्याय पंचायत, ब्लाक, तहसील व जनपद स्तर पर कृषि मेला व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से वह किसानों को जागरूक करेंगे। इसके बाद भी यदि किसी किसान ने फसल के अवशेष जलाए तो तहसीलदार व नायब तहसीलदार संबंधित के खिलाफ नोटिस जारी कर उसका पक्ष जानेंगे। यदि किसान ने उचित जवाब नहीं दिया तो एक एकड़ से कम खेत वाले किसान पर 2500 रुपये प्रति घटना व इससे बड़े किसानों पर पांच हजार प्रति घटना की दर से जुर्माना वसूल किया जाएगा। उप कृषि निदेशक उदयभान गौतम ने बताया कि फसलों के अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। यदि किसान अवशेष जलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शासन ने भी इसके लिए निर्देश दिया है।