बेड सिस्टम से खेती कर हर दिन हजारों की कमाई
लॉकडाउन के बाद नौकरी छोड़कर गांव लौटे कनैली के एक युवक ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अब वह गांव ही नहीं आसपास के किसानों को खेती की एक नई राह दिखा रहे हैं। खेती के इस तरीके से जहां हर मौसम में खेत भरे रहते हैं वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन फसल बिकने के लिए तैयार मिलती है। जिससे किसानों की आय भी रोज होती है।
सरायअकिल : लॉकडाउन के बाद नौकरी छोड़कर गांव लौटे कनैली के एक युवक ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अब वह गांव ही नहीं आसपास के किसानों को खेती की एक नई राह दिखा रहे हैं। खेती के इस तरीके से जहां हर मौसम में खेत भरे रहते हैं वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन फसल बिकने के लिए तैयार मिलती है। जिससे किसानों की आय भी रोज होती है।
कनैली निवासी अनिल त्रिपाठी ने बीएड की शिक्षा लेने के बाद नौकरी का प्रयास किया। करीब छह साल तक वह सरकारी नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। जब नौकरी नहीं मिली तो वह 2015 में लुधियाना चले गए। वहां एफसीआई में कोवाल्टी केमिस्ट की नौकरी कर ली। लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो अनिल त्रिपाठी नौकरी छोड़कर घर आ गए। उन्हें लुधियाना में नौकरी के दौरान पंजाब, अंबाला, छत्तीसगढ़ आदि स्थानों पर जाने का मौका मिली। इस दौरान उन्होंने वहां के किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करते देखा। उनके मन में भी कुछ इसी तरह की खेती का विचार आया। इसके बाद अनिल ने गांव में बेड सिस्टम से खेती करने की ठान ली। उन्होंने करीब दो बीघे में दो-दो फिट की दूरी पर मिट्टी से बेड की तरह की संरचना तैयार की और बेड में फसल लगा दी। बेड मिश्रित खेती करते हुए एक साथ मूली, गाजर, धनिया, टमाटर, बैगन, पालक, चुकंदर, मिर्च, लहसुन, प्याज, भिडी करैला, खीरा आदि की फसल तैयार की। आलम यह रहा कि उनकी फसल अब प्रतिदिन तैयार मिलती है। जिसे आस-पास के लोग खरीदकर ले जा रहे हैं। उनको इस खेती से प्रतिदिन आय भी होती है। मिश्रित खेती का परिणाम यह रहा कि उनका खेत कभी खाली नहीं रहता। एक के बाद दूसरी फसल तैयार मिलती है। किसी फसल की बोआई होती है तो कोई तैयार मिलती है। क्या है बेड सिस्टम
बेड सिस्टम खेती का आधुनिक तरीका है। इस तरीके की खेती के लिए खेत को एक बेड की तैयार किया जाता है। मिट्टी को खेत में एक निश्चित दूरी पर बेड के आकार में रखा जाता है। इसके बाद ऊंचे बेडनुमा खेत में विभिन्न प्रकार की फसलों की बोआई की जाती है। फसल तैयार होने के बाद उसे एक-एक बेड से काटते हैं। इस प्रकार की खेती से फसल हमेशा तैयार मिलती है।