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लाखों खर्च के बाद भी थाम गांव में सुविधाओं का टोटा

संसू, नारा : गांवों को विकसित कर वहां पर रहने वाले लोगों को सुविधा देने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। लाखों रुपये भी खर्च हो रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, आवास आदि सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 12:58 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 12:58 AM (IST)
लाखों खर्च के बाद भी थाम गांव में सुविधाओं का टोटा
लाखों खर्च के बाद भी थाम गांव में सुविधाओं का टोटा

संसू, नारा : गांवों को विकसित कर वहां पर रहने वाले लोगों को सुविधा देने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। लाखों रुपये भी खर्च हो रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, आवास आदि सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रही है।

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बदहाली का जीता जागता नूमना रविवार को मंझनपुर विकास खंड के चकथामा ग्राम पंचायत में देखा गया। साप्ताहिक कार्यक्रम दैनिक जागरण आपके के द्वार के तहत टीम गांव पहुंची तो चोक नालियां, अधूरे शौचालय व झोपड़ी कराए गए विकास कार्य की पोल खोल रहे थे। गांव के कई रास्ते में खड़ंजे नहीं लगाए गए। इससे बारिश के दिनों में लोगों को परेशानी होती है। कई पात्रों को शौचालय निर्माण के लिए धन नहीं दिया गया है। इससे लोगों को खुले में शौच करना पड़ता है। गांव में कई हैंडपंप बिगड़ गए हैं। शिकायत के बाद भी नहीं बनवाया गया। इससे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाने के लिए उन्हें धन नहीं दिया गया। - लोगों की जुबानी

शौचालय बनाने के लिए धन नहीं दिया। इससे लोगो को खुले में शौच करना पड़ता है। ग्राम प्रधान व सविच से शौचलाय को धन मांगा है।

- लोकपाल सफाई कर्मी के न आने से नालियों व गलियों में गंदगी का अंबार है। सफाई न होने से लोग मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हो रहे है।

- दुख्खा गांव में कोटे की दुकान नियमित रूप से नहीं खुलती है। माह में चार दिन दुकान को खोला जाता है। लेकिन राशन नहीं ले जा पाते हैं।

शारदा प्रसाद गांव के कुछ रास्तों में अभी तक खड़ंजे नहीं लगाए गए। बारिश में लोगों को परेशानी होती है। शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दिया।

आल्हा स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय बनाने के लिए कई लोगों को दूसरी किश्त नहीं दी गई है। शौचालय का निर्माण नहीं पूरा नहीं हो पा रहा है।

बदामा सोनकर दलित बस्ती में लगे कई हैंडपंप खराब हो गए हैं। इससे लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी नहीं बनवाया गया।

सुषमा देवी

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टॉप टेन समस्याएं

- हैंडपंपों के बिगड़ने से गांव में पानी का संकट

- बस्ती के बीच दूषित पानी के भराव से फैल रही बीमारी

- आंगनबाड़ी केंद्र का बदहाल शौचालय से परेशानी

- दूषित पानी की निकासी के लिए नालियों की नहीं कराई जा रही सफाई।

- बस्ती के बीच डंप कूड़ा उठाने के लिए कोई इंतजाम नहीं।

- खस्ताहाल सड़कों की नहीं कराई जा रही मरम्मत।

- कई पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला।

- शौचालय के लाभार्थियों को पूरा पैसा नहीं मिला है।

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गांव में नाली, इंटरलॉ¨कग व पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। धन मिलते ही विकास कार्य कराए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वे कराया जा रहा है। छूटे पात्र व्यक्तियों को भी आवास की सुविधा दिलाई जाएगी।

- मोहम्मद नजर, ग्राम पंचायत सचिव


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