महराजगंज गांव में बांस-बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति
विद्युत उपकेंद्र अर्का के अंतर्गत महराजगंज गांव में दो साल पहले टूटे बिजली के खंभों को नहीं लगवाया गया जिससे बिजली उपभोक्ता बल्ली और पेड़ के सहारे तार खींचकर घरों में बिजली उपभोग को मजबूर है। ग्रामीणों का आरोप है कि टूटे पोल को लगवाने के लिए जनपद के माननीयों और अधिकारियों से मांग की गई लेकिन हमारी किसी ने नहीं सुनी।
संसू, अर्का : विद्युत उपकेंद्र अर्का के अंतर्गत महराजगंज गांव में दो साल पहले टूटे बिजली के खंभों को नहीं लगवाया गया, जिससे बिजली उपभोक्ता बल्ली और पेड़ के सहारे तार खींचकर घरों में बिजली उपभोग को मजबूर है। ग्रामीणों का आरोप है कि टूटे पोल को लगवाने के लिए जनपद के माननीयों और अधिकारियों से मांग की गई, लेकिन हमारी किसी ने नहीं सुनी।
विद्युत उपकेंद्र अर्का फतेहपुर से पवैया, पिडरा, अर्का महाबीरपुर, गौहानी, महराजगंज, सचवारा, बंधुरी, रसुलीपुर सहित लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। 18 जून 2019 को आये आंधी तूफान से महराजगंज गांव में लगे 12 बिजली के खंभे टूट गए थे, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने विद्युत उपकेंद्र अर्का में देकर टूटे खंभों को बदलवाने की मांग की थी। लंबा समय बीतने के बाद भी अब तक विभाग ने इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने सांसद विनोद सोनकर से मिलकर बिजली के टूटे खंभों को लगवाने की मांग किया, लेकिन टूटे पोल नहीं लग सके। इस पर ग्रामीणों ने बांस-बल्ली व पेड़ों के सहारे केबिल खींचकर मजबूरन बिजली का प्रयोग शुरू कर दिया। इनके सहारे बिजली तो घरों में आ गई, लेकिन ग्रामीणों को अक्सर अनहोनी का भय बना रहता है। महराजगंज के अयोध्या प्रसाद, वेदप्रकाश, विपिन, परवीन, मक्खनलाल, श्रीनाथ आदि ग्रामीणों ने बताया कि जिले के माननीयों से लेकर आला अधिकारियों से मिलकर बिजली के टूटे खंभों को लगवाने की मांग की गई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
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बोले ग्रामीण..
दो वर्ष पहले आयी आंधी-तूफान से गांव में विद्युत सप्लाई के लिए गड़े 12 पोल टूट गए थे, जो आज तक नहीं बदले गए। इससे कनेक्शन धारियों को समस्या हो रही है।
- महेंद्र कुमार पोल टूटने से जगह-जगह तार लटक रहे हैं। इसमें फंसकर आए दिन कोई न कोई मवेशी चोटिल हो रहे हैं। टूटे पोल लगवाने की मांग सभी जिम्मेदारों से की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है ।
- चरण सिंह गांव में ग्रामीणों ने बांस-बल्ली और पेड़ों के सहारे तार खींची है। किसी तरह वह बिजली का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन सदैव दहशत में बने रहते हैं कि कोई हादसा न हो जाए।
- भइयालाल यादव फौजी
सरकार विकास कार्य कराने का ढिढोरा पीटते नहीं थक रही है। जिले के जनतिनिधि भी मौका पाकर ऐसा ही करे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है, जो हमारे गांव में देखी जा सकती है। सालों से पोल तक नहीं बदले जा सके।
- सत्य प्रकाश सिंह