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दिव्यांग बच्चों का भविष्य सुधारेगा शिक्षा विभाग

शैलेंद्र द्विवेदी कौशांबी शिक्षा विभाग की ओर से किए गए सर्वे में लगभग 4610 बच्चे दिव्यांगता की श्रेणी में मिले। इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन व दिव्यांग जन कल्याण विभाग को भेजी है। स्वास्थ्य विभाग को संबंधित बच्चों की सूची भेजी है जिसमें तीन से 14 वर्ष तक के बच्चे व किशोर शामिल हैं। अब स्वास्थ्य महकमा परीक्षण प्रमाणपत्र जारी करेगा। इसके बाद शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ तो इन्हें मिलेगा। साथ ही आवासीय प्रशिक्षण शिविर में रखकर शिक्षित भी किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 11:04 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 11:04 PM (IST)
दिव्यांग बच्चों का भविष्य सुधारेगा शिक्षा विभाग
दिव्यांग बच्चों का भविष्य सुधारेगा शिक्षा विभाग

शैलेंद्र द्विवेदी, कौशांबी : शिक्षा विभाग की ओर से किए गए सर्वे में लगभग 4610 बच्चे दिव्यांगता की श्रेणी में मिले। इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन व दिव्यांग जन कल्याण विभाग को भेजी है। स्वास्थ्य विभाग को संबंधित बच्चों की सूची भेजी है जिसमें तीन से 14 वर्ष तक के बच्चे व किशोर शामिल हैं। अब स्वास्थ्य महकमा परीक्षण प्रमाणपत्र जारी करेगा। इसके बाद शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ तो इन्हें मिलेगा। साथ ही आवासीय प्रशिक्षण शिविर में रखकर शिक्षित भी किया जाएगा।

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सर्व शिक्षा अभियान के तहत नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जनपद में 1410 परिषदीय स्कूल खोले गए हैं। साथ ही दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए आवासीय प्रशिक्षण शिविर भी संचालित किए जा रहे हैं। नए शिक्षण सत्र में स्कूल में पंजीयन के लिए शिक्षा विभाग की ओर स्कूल न जाने वाले बच्चों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 4610 दिव्यांग बच्चे मिले। बेसिक शिक्षाधिकारी अरविद कुमार ने बताया दिव्यांग बच्चों की सूची सीएमओ को सौंपी गई है। अब स्कूलों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग संबंधित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें प्रमाण पत्र जारी करेगा। इसके बाद उन बच्चों को दिव्यांग जन कल्याण विभाग की ओर सुविधाएं मिलेगी। साथ ही संबंधित बच्चों को शिक्षित भी किया जाएगा। एएलसी कैंप में बच्चों को मिलेगा प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग की सूची के आधार पर चिकित्सक संबंधित बच्चों की जांच करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर प्रमाणपत्र तैयार होगा। जो बच्चे प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षा नहीं ग्रहण कर पा रहे हैं। उन्हें एएलसी कैंप में रखकर शिक्षित किया जाएगा।


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