पूरे दिन डायट मैदान में बंधक बने रहे शिक्षामित्र
कौशांबी । शिक्षामित्र प्रदेश सरकार पर अपने हित की अनदेखी का आरोप लगाया।
कौशांबी । शिक्षामित्र प्रदेश सरकार पर अपने हित की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षा कार्यालय के बाहर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री के ओसा मंडी में आने की जानकारी होने पर शिक्षामित्र उनसे मिलने के लिए जाने लगे। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो उनके हाथ पांव फूल गए। शिक्षामित्रों को रोकने के लिए पुलिस ने उनको डायट मैदान में रोक लिया। शाम चार बजे शिक्षामित्रों को मंत्री से मिलने के लिए जाने दिया।
हाथ में तिरंगा व मन में स्थाई नौकरी की आस लिए शिक्षामित्र तीन दिनों से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ओसा मंडी आए। तब उनका घेराव करने के लिए शिक्षामित्र जाने की तैयारी करने लगे। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो वह सक्रिय हो गए। आनन-फानन कोतवाली पुलिस के साथ ही अन्य थाने की फोर्स सत्याग्रह आंदोलन स्थल पहुंची। पुलिस ने शिक्षामित्र को डायट मैदान से बाहर नहीं निकलने दिया। इस बात को लेकर शिक्षामित्रों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। पुलिस के दबाव के कारण शिक्षामित्र सड़क पर ही बैठ गए। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष सोम प्रकाश मिश्र ने कहा कि शिक्षामित्रों के हित को लेकर प्रदेश सरकार कोई फैसला नहीं कर रही है। कोर्ट के आदेश के बाद समायोजन रद हो गया है। जिसपर शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार से उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने भी उनके साथ वादा खिलाफी शुरू कर दी है। पुलिस के दम पर अब उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा कि सरकार ने उनके दस हजार मानदेय देने का प्रस्ताव पारित किया है। जबकि कोई भी शिक्षामित्र बीटीसी डिग्री से कम की योग्यता नहीं रखी। सरकार ने समान कार्य के लिए समान वेतन व न्यूनतम मजदूरी नियम को पालन प्रस्ताव को पारित करने में नहीं किया। जिसका शिक्षामित्र विरोध कर रहे। इस मौके पर नथनलाल, विद्याचरण शुक्ल, इरशाद अहमद, मो. इरफान, शिवशंकर यादव, देवनाथ, सुरेश कुमार, धनराज ओझा, सुचित्रा विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।
शिक्षामित्र तो हाईस्कूल पास हैं, सुन हैरान हुए लोग
शिक्षामित्रों के विरोध को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने शाम चार बजे थोड़ी नरमी दिखाई। प्रशासन की ओर से पांच शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रभारी मंत्री से मिलने को भेजा गया। जैसे ही शिक्षामित्र प्रतिनिधि मंडल में शामिल रत्नाकर ¨सह, सोम प्रकाश मिश्रा, उदय ¨सह, विद्याचारण शुक्ल, व वीरेंद्र केसरवानी प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के पास पहुंचे। प्रभारी मंत्री ने उनको देखकर कहा कि आइए आप ही है हाईस्कूल पास शिक्षामित्र। मंत्री की बात सुनकर सब हैरान हो गए। उन्होंने बताया कि जिले में कोई भी शिक्षामित्र ऐसा नहीं है जिसकी योग्यता बीटीसी से कम हो। इसको लेकर सरकार को गलत फहमी है। शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन प्रभारी मंत्री को सौंपते हुए सरकार से शिक्षामित्रों के संबंध में उचित फैसला लेने की मांग की।