सूखा राहत कार्यक्रम में पेयजल व्यवस्था बेहतर फिर भी प्यास लोग
जासं, कौशांबी : गर्मी के मौसम में पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए शासन से प्रशासनिक अधिकारि
जासं, कौशांबी : गर्मी के मौसम में पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए शासन से प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है, जिसके मुताबिक अधिकारियों ने सूखा राहत कार्यक्रम के तहत पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नगर पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्रों में पहल भी की लेकिन नगर पंचायत प्रशासन ने जो रिपोर्ट जिला प्रशासन व शासन को भेजी है। वह हकीकत से परे है। पेयजल संबंधित जिन स्रोतों को दुरुस्त दिखाया है। वह भी साथ नहीं दे रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने मार्च में सूखा राहत कार्यक्रम चलाकर नगर पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे हुए हैंडपंपों व नगर पंचायतों में उपलब्ध पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त कराया गया है। कार्ययोजना में नगर पंचायत, चायल, भरवारी, सिराथू, अझुवा, मंझनपुर, करारी, सरायअकिल ने स्पष्ट किया है कि कस्बे में नलकूपों को दुरुस्त व स्रोतों की मरम्मत करा दी गई है। पाइप लाइन के लीकेज को भी दुरुस्त करा दिया गया है। कुंओं को भी गहरा गया है। बिगड़े हैंडपंपों को दुरुस्त कराने के लिए जल निगम को सूची भेजी गई है, लेकिन अब तक एक भी हैंडपंपों की बो¨रग नहीं कराई गई लेकिन सूखा राहत की रिपोर्ट ईओ ने पानी की व्यवस्था को बेहतर दिखाया है।
कागजों में ही लगे हैं वाटर कूलर
शासन व जिला प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि नगर पंचायतों के धार्मिक व सार्वजनिक स्थानों में पानी टंकी समेत वाटर का इंतजाम है, जबकि नगर पंचायत चायल, करारी, सरायअकिल, भरवारी में वाटर नहीं लगाए गए हैं। मंझनपुर, सिराथू व अझुवा नगर पंचायत में लगाए गए अधिकतर वाटर कूलर बंद हैं। इससे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है।