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आवासीय योजना में गड़बड़झाला, 31 लाख पर अपात्रों की कुंडली

शैलेंद्र द्विवेदी, कौशांबी : सरकार भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत देने की मुहिम छेड़ रखी हो लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ खत्म न होने की वजह से इस योजना के तहत कई अपात्रों को धन दे दिया गया है। जबकि उनके पास पहले से ही पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं। जांच में पर्दाफाश होने के बाद दूसरी किश्त तो उन्हें नहीं दी गई लेकिन पहली किश्त में दिए गए 31 लाख रुपये फंसी हुई है। दो वर्ष से अपात्र लाखों रुपये पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 12:08 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 12:08 AM (IST)
आवासीय योजना में गड़बड़झाला, 31 लाख पर अपात्रों की कुंडली
आवासीय योजना में गड़बड़झाला, 31 लाख पर अपात्रों की कुंडली

शैलेंद्र द्विवेदी, कौशांबी : सरकार भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्की छत देने की मुहिम छेड़ रखी हो लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ खत्म न होने की वजह से इस योजना के तहत कई अपात्रों को धन दे दिया गया है। जबकि उनके पास पहले से ही पक्की छत व मोटर गाड़ियां हैं। जांच में पर्दाफाश होने के बाद दूसरी किश्त तो उन्हें नहीं दी गई लेकिन पहली किश्त में दिए गए 31 लाख रुपये फंसी हुई है। दो वर्ष से अपात्र लाखों रुपये पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं।

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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने 2021 तक सभी गरीबों को पक्का आवास देने का फैसला लिया है। इसके लिए वर्ष 2011 में कराई गई सामाजिक आíथक व जातिवार जनगणना के आधार पर आवासीय सुविधा दी जा रही है। वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय सुविधा देने में जमकर हेराफेरी की गई है। दो वर्षों मे ग्राम विकास अधिकारी प्रधान की मिलीभगत से 164 अपात्र लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए संस्तुति करा ली है। यही नहीं

यही नहीं प्रथम किस्त के रूप में आवास बनाने के लिए 40-40 हजार रुपये दिए गए हैं। शिकायत के आधार पर जांच में अपात्र की पुष्टि होने के बाद आला अधिकारियों ने दूसरी किस्त पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से अपात्रों के खाते में 164 अपात्रों के खाते में 65 लाख रुपये चला गया है। इस धनराशि को वसूलने के लिए पूर्व में खंड विकास अधिकारियों ने अपात्रों को नोटिस जारी किया, लेकिन 79 लोगों ने अब तक 31 लाख 60 हजार रुपये जमा नहीं किया है। पिछले दो साल से सरकारी धन में अपात्र कुंडली जमाए हुए बैठे हैं। विकास से जुड़े अधिकारी भी अपात्रों को दी गई धनराशि को सुनने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं इससे गरीबों का हक मारा जा रहा है। कर्मचारियों को बचा रहे अधिकारी

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभाíथयों के चयन में वर्ष 2017-18 में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारियों ने काफी गड़बड़ी की है। इनसे सांठगांठ कर 164 अपात्रों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए 65 लाख रुपये ले लिया। शिकायत के बाद जब खंड विकास अधिकारियों ने जांच कराई तो स्पष्ट हुआ कि जिन लोगों को आवास बनाने के लिए धन दिया गया है। उनके पास पहले से ही पक्का मकान है। ऐसे लोगों का चयन कर आवासीय सुविधा दे दी गई। जिन कर्मचारियों ने अपात्रों का चयन किया था। उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभाíथयों के चयन में वर्ष 2017-18 में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। 164 अपात्रों के खाते में 65 लाख रुपये दिया गया था। जांच के बाद 85 लोगों से दी गई धनराशि को वसूला जा चुका है। शेष धनराशि को वसूलने की प्रक्रिया चल रही है।

राजेश कुमार मिश्र, पीडी डीआरडीए।


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