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गुरु पूर्णिमा पर भक्तों ने गंगा में लगाई डुबकी

संसू, कड़ा : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर लोगों ने गंगा स्नान कर पूजन-अर्चन किया। इस दिन चारों वेदों के व महाभारत के रचियता, संस्कृत के परम विद्वान कृष्ण द्वैपायन व्यास जी का जन्मदिन भी मनाया गया। इसी दिन भक्तिकाल के संत घीनादास का भी जन्म हुआ था। यह गुरु के आदर, मान-सम्मान की पूर्णिमा है। गुरु पूर्णिमा की अवसर पर हजारों भक्तों ने पतित पावनी मां गंगा में स्नान किया। सुबह से ही क्षेत्र के घाटों में स्नार्थियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर शाम तक चलता रहा। स्नान के बाद भक्तों ने पूजा-अर्चना की और अपने गुरुओं से आशीर्वाद लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 08:09 PM (IST)
गुरु पूर्णिमा पर भक्तों ने गंगा में लगाई डुबकी
गुरु पूर्णिमा पर भक्तों ने गंगा में लगाई डुबकी

संसू, कड़ा : आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर लोगों ने गंगा स्नान कर पूजन-अर्चन किया। इस दिन चारों वेदों के व महाभारत के रचियता, संस्कृत के परम विद्वान कृष्ण द्वैपायन व्यास जी का जन्मदिन भी मनाया गया। इसी दिन भक्तिकाल के संत घीनादास का भी जन्म हुआ था। यह गुरु के आदर, मान-सम्मान की पूर्णिमा है। गुरु पूर्णिमा की अवसर पर हजारों भक्तों ने पतित पावनी मां गंगा में स्नान किया। सुबह से ही क्षेत्र के घाटों में स्नार्थियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर शाम तक चलता रहा। स्नान के बाद भक्तों ने पूजा-अर्चना की और अपने गुरुओं से आशीर्वाद लिया।

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शुक्रवार को गंगा स्नान करने के लिए जनपद सहित पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़, रायबरेली, जौनपुर, भदोही, फतेहपुर, चित्रकूट आदि से पहुंचे हजारों भक्तों ने कड़ा के कुबरी घाट, कलेश्वनाथ घाट, हनुमान घाट तथा बाजार घाट पर गंगा स्नान किया। इस दौरान हर-हर गंगे के उद्घोष से घाट गुंजायमान रहे और लोगों ने जमकर डुबकी लगाई। गंगा स्नान करने के बाद भक्तों ने 51वीं शक्ति पीठ मां शीतला के नाम से स्थापित शीतला धाम में पहुंचकर मत्था टेका और पूजा अर्चना कर मंगल कामना की। इस दौरान धाम आए श्रद्धालुओं को गंदगी व पेयजल की समस्याओं से जूझना पड़ा। वहीं धाम में बड़े वाहनों के प्रवेश होने से भी भक्तों को खासी फजीहत का सामना करना पड़ा। गंगा स्नान कर लोगों की आम की खरीदारी

संसू, कड़ा : गुरु पूर्णिमा को ही आषाढ़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग गंगा स्नान के बाद अपने घरों में आम लेकर जाते हैं। शुक्रवार को स्नान करके लौट रहे लोगों ने टेढ़ीमोड़ चौराहे पर सजी आम की दुकानों पर जमकर खरीदारी की। आषाढ़ी पर्व को लेकर आम के दामों में भी काफी बढ़ोतरी हुई लेकिन इसके बाद भी इसकी जमकर बिक्री हुई। आश्रम पहुंचकर गुरुओं से लिया आर्शीवाद

संसू, सिराथू : क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। क्षेत्र के सैकड़ों मंदिरो में सुबह से ही भक्तों एवं गुरु शिष्यों का ताता लगा रहा। इसी क्रम में रामपुर धमावां स्थित त्यागी जी महराज के आश्रम में बड़ी धूम-धाम से गुरुपूर्णिमा का पावन पर्व हर्सोल्लास से मनाया गया। हजारों लोगों ने सुबह से ही त्यागी जी के चरणों में पूजन, वन्दन कर गुरु कृपा रूपी आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर महन्त प्रकाश दास त्यागी जी महराज ने कहा कि गुरुब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परमब्रह्रा तस्मै श्री गुरुवे: नम:।। बताया कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है। हमारे देश में आदिकाल से ही गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने की परम्परा रही है। इस दौरान पहुंचे भक्तों व शिष्यों ने उनके मानव का प्रमुख उद्देश्य शास्त्र सम्मत आचरण करे

संसू, कड़ा : गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर ऐतिहासिक स्थल कौशांबी के गऊघाट बरम्बारी के सिद्ध हनुमान मंदिर में संत शिरोमणि बाल ब्रह्मचारी श्री शिव स्वरूप जी महाराज में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को उपदेश करते हुए बताया कि मानव जीवन का प्रमुख उद्देश्य शास्त्र सम्मत आचरण करते हुए परमात्मा को प्राप्त करना है। मनुष्य को कभी भी अन्याय, अनाचार, व्यभिचार नहीं करना चाहिए तथा दूसरों को पीड़ा कदापि नहीं पहुंचाना चाहिए। जीवन की सार्थकता गरीब, असहाय, निर्बल जनों की मदद करने में है। आगे उन्होंने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहां कि- गुरु बिन भवनिधि तरई न कोई। जो बिरंचि संकर सम होई।। अर्थात प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में गुरु अवश्य करना चाहिए। गुरु अपने शिष्य के अंदर विद्यमान अवगुणों रूपी अंधकार का शमन कर सदगुण रूपी प्रकाश की स्थापना करता है। गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण कर जीव शुद्ध सात्विक जीवन का निर्वहन करते हुए मोक्ष को प्राप्त करता है। राम कथा के समापन पर आयोजित हुआ भंडारा

संसू, सिराथू: तहसील सिराथू क्षेत्र के रामपुर धमावां गांव में स्थित ससुर खदेरी नदी के तट पर त्यागी बाबा के आश्रम में चल रही श्रीराम कथा का समापन गुरुवार को हुआ। जिसके बाद शुक्रवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ कन्याभोज के साथ किया गया। इस दौरान आसपास के गांवों से पहुंचे हजारों भक्तों ने भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर अजय सोनी, भानु प्रताप ¨सह, राधेश्याम केशरवानी, दयाशंकर तिवारी, वाचस्पति पांडेय, जयकरन ¨सह, गुड्डू ¨सह, पुष्पराज ¨सह, कुबेर ¨सह, पवन मौर्य प्रधान समेत हजारों लोग मौजूद रहे।


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