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जयकारे व शंखनाद के बीच हुए देवी दर्शन

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ श्रद्धालुओं ने कड़ाधाम पहुंच कर 51वीं शक्तिपीठ मां शीतला के दर्शन किए। इसके पहले नायब तहसीलदार सिराथू ने सुबह छह बजे मंदिर पहुंचकर कपाट का ताला अपने हाथ से खोला। घंट-घड़ियाल व शंखनाद के बीच मां के जयकारे से पूरा परिसर गुंजायमान हो गया। इसी तरह जिले के सभी देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए देवी के दर्शन किए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:27 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 10:27 PM (IST)
जयकारे व शंखनाद के बीच हुए देवी दर्शन
जयकारे व शंखनाद के बीच हुए देवी दर्शन

संसू, देवीगंज : चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ श्रद्धालुओं ने कड़ाधाम पहुंच कर 51वीं शक्तिपीठ मां शीतला के दर्शन किए। इसके पहले नायब तहसीलदार सिराथू ने सुबह छह बजे मंदिर पहुंचकर कपाट का ताला अपने हाथ से खोला। घंट-घड़ियाल व शंखनाद के बीच मां के जयकारे से पूरा परिसर गुंजायमान हो गया। इसी तरह जिले के सभी देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए देवी के दर्शन किए।

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नवरात्र पर्व पर कड़ा धाम में मां शीतला के दर्शन के लिए जिले के अलावा गैर जनपद व प्रांतों से श्रद्धालु आते हैं। कुबरी घाट पर गंगा स्नान के बाद देवी दर्शन करते हैं। इस बार कोरोना काल में संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ा होने के कारण मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। देवी दर्शन के लिए बुधवार की सुबह से ही भक्तों की लंबी लाइन नजर आई। डीएम अमित कुमार सिंह ने निर्देशित कर रखा है कि राजस्व अधिकारी पहुंचकर मंदिर का कपाट स्वयं खोलेंगे। इसके बाद ही फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए भक्तों को दर्शन कराया जाएगा। इसी आदेश पर बुधवार को नायब तहसीलदार दीपंकर सोनकर करीब छह बजे सुबह पहुंचे और मंदिर का कपाट खोला। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान के साथ मां का पूजा-अर्चन किया। सुबह छह बजे से लगी श्रद्धालुओं की लाइन शाम छह बजे तक लगी रही।

इसी तरह जिले के झारखंडी देवी मंदिर, मसुरिया देवी, कमासिन देवी आदि प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखते हुए पुलिस कर्मियों ने फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन कराते हुए भगवती के दर्शन कराए। वहीं पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि नवरात्र में शक्ति की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मां के दूसरे स्वरूप को ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन मां भगवती की विधिवत पूजा अर्चना के बाद शक्कर का भोग लगाना चाहिए और इसका प्रसाद वितरित करना चाहिए। इससे उम्र में वृद्धि होती है। इस दौरान घरों में रहकर लोगों ने मां भगवती की पूजा अर्चना कर जीवन में सुख समृद्धि होने की कामना की है।


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