जिले में नहीं खुल सका डीईआइसी सेंटर
जासं, कौशांबी : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत 19 वर्ष तक के बच्चों का
जासं, कौशांबी : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत 19 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा देने की व्यवस्था है। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती संविदा पर कर गई है। योजना लागू के पांच साल बाद डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेशन सेंटर (डीईआइसी) नहीं खोला गया। इससे गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इससे वह ¨जदगी व मौत से जूझ रहे हैं।
बच्चों व किशोरों को स्वस्थ रखने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों व कालेजों में पंजीकृत छात्र व छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए सीएचसी-पीएचसी में दो-दो टीम गठित की गई हैं। टीम के सदस्यों ने तीन दर्जन से अधिक मासूमों को ¨चहित किया जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। योजना के तहत जनपद में डीईआइसी सेंटर खोलने का प्रावधान है।
डीएम और सीएमओ से शिकायत करना हुआ व्यर्थ
नगर पंचायत मंझनपुर बब्लू ने बताया कि बेटी कैकसा का पैर टेढ़ा है। एक साल पूर्व आरबीएसके टीम ने परीक्षण किया था, लेकिन अब तक इलाज नहीं हो पाया। महुआ अखाड़ा गांव के मान ¨सह ने बताया कि बेटा रमन भी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। परीक्षण के बाद इलाज नहीं मिला पा रहा है। डीएम व सीएमओ से शिकायत की थी। फिर भी इलाज की व्यवस्था नहीं की गई।
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठ चुका मुद्दा
तीन माह पूर्व कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में चिकित्सकों ने जनपद में डीईआइसी सेंटर खोलने के मुद्दे को उठाया था। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सीएमओ को निर्देश दिया था कि जनपद में डीईआइसी सेंटर के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजें जिससे गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज हो सके। विभाग की ओर से पहल नहीं की गई।