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डायरिया से मासूम की मौत, तीन गंभीर

संसू, भरवारी : चरवा थाना क्षेत्र के बड़ी मौली गांव में डायरिया से एक ही परिवार के एक बच्चे की मौत हो

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 08:30 PM (IST)
डायरिया से मासूम की मौत, तीन गंभीर
डायरिया से मासूम की मौत, तीन गंभीर

संसू, भरवारी : चरवा थाना क्षेत्र के बड़ी मौली गांव में डायरिया से एक ही परिवार के एक बच्चे की मौत हो गई। जबकि तीन लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। जानकारी होने पर निजी अस्पताल पहुंचे सीएमओ पीएन चतुर्वेदी ने बीमार बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

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बड़ी मौली निवासी राजकुमार खेती करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। राजकुमार का तीन वर्षीय बेटा शिवा, शेखर, सजल व बेटी सुरेखा डायरिया की चपेट में आ गए। उल्टी-दस्त से हालत बिगड़ती देख राजकुमार के होश उड़ गए। चारों बच्चों को गुरुवार की सुबह राजकुमार ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। इस पर राजकुमार बीमार बच्चों को लेकर गांव वापस आ रहा था। अचानक शिवा ने रास्ते में दम तोड़ दिया। शेखर, सजल व सुरेखा को राजकुमार ने भरवारी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डायरिया से मौत व बच्चों के बीमार का मामला सुर्खियों में आया तो सीएमओ पीएन चतुर्वेदी स्वास्थ्य टीम के साथ भरवारी के निजी अस्पताल पहुंचे। पिता से पूछताछ के बाद सीएमओ ने बीमार बच्चों को जिला अस्पताल में फिर से भर्ती कराया। साहब! बेटा मर गया अब नहीं जाऊंगा जिला अस्पताल

संसू, भरवारी : जिला अस्पताल में डाक्टरों ने लापरवाही बरती, इसके चलते बेटा शिवा की मौत हो गई, साहब! अब जिला अस्पताल में नहीं जाऊंगा। इतना कहकर बेबस पिता राजकुमार उस समय फफक कर रो पड़ा, जब निजी अस्पताल भरवारी में भर्ती बच्चों का हाल जानने के लिए सीएमओ पहुंचे। राजकुमार से पूछताछ के बाद सीएमओ ने उससे कहा कि वह जिला अस्पताल में अपने बीमार बच्चों को ले जाकर भर्ती करें, उनका बेहतर इलाज कराया जाएगा। सीएमओ के सामने हाथ जोड़कर खड़े राजकुमार ने बीमार बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराने से साफ इनकार कर दिया। साथ ही आरोप लगाया कि उसके सबसे छोटे बेटे शिवा की मौत जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही व अनदेखी के ही चलते हुई है। शिवा की जब हालत बिगड़ती तो वह अस्पताल में मौजूद चिकित्सक के पास भागकर पहुंचा लेकिन डाक्टर ने मरीज को देखने के बजाए पहले उसी को फटकार लगा दी। इसके बाद इलाज करने से साफ इनकार कर कहीं और ले जाने की बात कही। राजकुमार सभी बच्चों को लेकर दूसरे अस्पताल लौट रहा था लेकिन रास्ते में ही शिवा की मौत हो गई। राजकुमार का दर्द सुनने के बाद सीएमओ ने विश्वास दिलाया कि वह अपने बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती करे, इसकी मानीट¨रग वह स्वयं करेंगे। यदि किसी चिकित्सकों ने लापरवाही बरती तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। करीब 45 मिनट तक समझाने के बाद एंबुलेंस के जरिए बीमार बच्चों को जिला अस्पताल लाया गया। बासी भोजन, दूषित जल से बचें, डायबिटीज रहे चौकन्ने

जासं, कौशांबी : अचानक मौसम के बदलाव से डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। जिला अस्पताल के चिकित्सक विवेक केसरवानी का कहना है कि यह बीमारी ज्यादा खाना, बाजार में कटे फल, अधिक ठंडा पानी का उपयोग करने से होती है। खाने पीने की चीजों में मिलावट से खास तौर पर दूध, पनीर, बासी मीट खाने से भी डायरिया के शिकार हो जाएंगे। डायबिटीज के मरीज को यह बीमारी जल्दी होती है।

डायरिया के पहचानने होंगे लक्षण : दस्त आने के पहले हल्का पेट दर्द, पानी की तरह मल निकलना, शारीरिक दुर्बलता महसूस करना, पेट दबाने पर पीड़ा होना, जीभ सूखना। इसके अलावा हाथ-पैर ठंडे पड़ना, शरीर में बेचैनी, थकान आदि डायरिया के लक्षण हैं।

डायरिया से बचने का करें उपचार : जीवन रक्षक घोल यानी ओआरएस घोल या एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और चुटकी भर नमक मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद एक-एक कप पीना चाहिए। भोजन के रूप में दही व चावल या खिचड़ी खाएं। चावल उबलने के बाद बचा हुआ गाढ़ा सूप, मूंग या मसूर की दाल का सूप, साबूदाना की खीर, छाछ या दही इच्छानुसार सेवन करना चाहिए। सेब का मुरब्बा या केले और चावल खाना चाहिए। दोपहर के भोजन में लौकी का रायता और दही की लस्सी लें। एक कप दही में एक केला मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम सेवन करें।

डायरिया न हो, इसलिए करें यह उपाय : बासी, तली, भारी, मिर्च-मसालेदार चीजो का सेवन न करें। ज्यादा गर्मी में शराब, चाय, कॉफी का सेवन करने से बचें। बासी, खट्टी महक वाला दूध न पिएं। मक्खियां बैठी या बिना ढकी हुई खाने-पीने की चीजों का सेवन न करें। फ्रिज में रखे हुए पदार्थ बाहर निकाल कर तुरंत न खाएं।


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