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आंधी-बारिश से अन्नदाताओं की टूट रही उम्मीद

जिले में शनिवार सुबह बारिश और आंधी ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। खेतों में बची खुची

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 09:00 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 06:06 AM (IST)
आंधी-बारिश से अन्नदाताओं की टूट रही उम्मीद
आंधी-बारिश से अन्नदाताओं की टूट रही उम्मीद

जिले में शनिवार सुबह बारिश और आंधी ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। खेतों में बची खुची खड़ी फसल भी गिरने से अन्नदाताओं की उम्मीद भी टूट गई। आंधी के साथ बारिश होने से से किसनों को जबर्दस्त नुकसान हुआ। उनका कहना है कि शासन के आदेश के बावजूद राजस्वकर्मी फसल नुकसान का आकलन कार्यालय में बैठकर मनमर्जी कागजों में आंकड़े भर रहें है। इससे फसल नुकसान के मुआवजे की आस भी टूटने लगी है। बताया जा रहा है कि चायल क्षेत्र में फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है।

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शनिवार सुबह आंधी और बारिश से तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में फसल भारी नुकसान हुआ। खेतों में खड़ी फसल भी गिरकर बर्बाद हो गई। सुरसेनी गांव निवासी अन्नदाता हनुमानबली का कहना कि एक सप्ताह पूर्व अतिवृष्टि से फसल बड़े पैमाने पर गिरकर खराब हो गई थी। दो दिन से धूप निकलने से थोड़ी बहुत फसल में सुधार जरूर हुआ था। लेकिन, शनिवार तड़के आई आंधी और बारिश ने उम्मीद को तोड़ दिया। गेहूं की पूरी फसल गिरकर चौपट हो गई। कोई राजस्वकर्मी भी गांव में फसल नुकसान का सर्वे करने नहीं पहुंचा। तहसील कार्यालय में ही कागजों पर कोरम पूरा कर रहें है। ऐसे में अन्नदाताओ को फसल नुकसान के मुआवजे की आस भी टूट गई है। चकबादशाहपुर गांव के प्रवीन कुमार ने बताया कि हल्का लेखपाल ने महज आठ किसानों का नाम फसल नुकसान की सूची में डाला है। जबकि गांव के करीब तीन दर्जन किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। शनिवार भोर पानी और आंधी ने बची खुची फसल को भी बर्बाद कर दिया, जिससे किसानों की कमर टूट गई है। अब तो सिर्फ शासन से मदद की उम्मीद की आस लगाए बैठे हैं।


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