अब तक नहीं हो सका मस्जिद पर का विद्युतीकरण
डिजिटल युग में किसी गांव में विद्युतीकरण न होना वहां पर रहने वालों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। एक तरफ जहां शासन हर घर मे बिजली पहुंचा रही वहीं सिराथू तहसील के रामपुर बढनावां गांव के एक मजरा मस्जिद पर का अब तक विद्युतीकरण नहीं हुआ। करीब 100 परिवार वाले इस गांव की आबादी 600 है। यहां के लोग अपने मजरे में लाइट आने का इंतजार करते हुए आस-पास के गांव में जलता बल्ब देखकर तरसने लगे हैं।
संसू, टेढ़ीमोड़ : डिजिटल युग में किसी गांव में विद्युतीकरण न होना वहां पर रहने वालों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। एक तरफ जहां शासन हर घर मे बिजली पहुंचा रही, वहीं सिराथू तहसील के रामपुर बढनावां गांव के एक मजरा मस्जिद पर का अब तक विद्युतीकरण नहीं हुआ। करीब 100 परिवार वाले इस गांव की आबादी 600 है। यहां के लोग अपने मजरे में लाइट आने का इंतजार करते हुए आस-पास के गांव में जलता बल्ब देखकर तरसने लगे हैं।
बिजली की उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे दिन बिजली रहे और कुछ घंटों के लिए चली जाए तो हम परेशान हो उठते हैं। उस गांव के लोगों की हालत कैसी होगी। जहां आज तक बिजली ही नहीं पहुंची। ऐसा भी नहीं है कि गांव के लोगों ने विद्युतीकरण के लिए कोई प्रयास नहीं किया। अधिकारियों व नेताओं समेत मुख्यमंत्री पोर्टल आदि में शिकायत कर इसकी मांग की गई, लेकिन अब तक गांव के विद्युतीकरण को लेकर कोई पहल नहीं हुई। गांव के जितेंद्र कुमार ने बताया कि इन दिनों स्कूल बंद है। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन गांव के बच्चे कैसे पढ़े जब बिजली नहीं है। न तो टीवी चलती है और न मोबाइल ही चलता है। विद्यालय बंद होने से उनकी शिक्षा भी बंद है।
मुख्यमंत्री पोर्टल, डिप्टी सीएम का निर्देश बेमानी
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत का असर रहा कि अधिकारियों ने एलएडटी कंपनी को पत्र लिखकर विद्युतीकरण का निर्देश दिया है। यह एक कागजी कोरम था, जिसे उन्होंने पूरा कर लिया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने भी प्रकरण पहुंचा था। उन्होंने भी अधिकारियों को विद्युतीकरण का निर्देश दिया है, लेकिन करीब एक साल से यह निर्देश फाइलों में दफन है।
- विद्युतीकरण न होना अभिशाप से कम नही है। आज भी हम प्राचीन काल में जी रहे हैं। बिजली न होने अब भी दीपक की रोशनी में रात काटनी पड़ रही है।
सुधीर कुशवाहा
- लाइट न होने से सबसे अधिक समस्या मोबाइल चार्ज करने में होती है। बिजली की उपलब्धता न होने से मोबाइल की बैटरी भी बचा कर रखना पड़ता है।
अखिलेश
- गांव में विद्युतीकरण न होने से पढ़ने में समस्या हो रही है। बच्चों के स्कूल बंद है, जिस कारण ऑनलाइन क्लासेज भी बच्चे नहीं कर पा रहे है।
शिवगोपाल
आस-पास के गांवों में विद्युत बल्ब से जगमगाते घरों को देखकर मन दुखी कर रहा जाता है। यही हाल रहा तो लगता है कि अब यहां से चले जाएं।
अनिल कुशवाहा