होम आइसोलेशन में दवाओं के सहारे कोरोना मरीज
कोरोना की तीसरी लहर में जिले में भी संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। संक्रमित होने वाले ज्यादातर मरीज अपनी सुविधा के लिए होम आइसोलेशन में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड मरीज दवाओं के भरोसे हैं। उन्हें कोविड प्रोटोकाल के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं। जो दवाएं दी जाती हैं उसमें पैरासिटामाल आइवर मेक्टिन डाक्सी साइक्लिन एजिलिड मल्टी विटामिन आदि शामिल हैं।
जासं, कौशांबी: कोरोना की तीसरी लहर में जिले में भी संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। संक्रमित होने वाले ज्यादातर मरीज अपनी सुविधा के लिए होम आइसोलेशन में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड मरीज दवाओं के भरोसे हैं। उन्हें कोविड प्रोटोकाल के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं। जो दवाएं दी जाती हैं, उसमें पैरासिटामाल, आइवर मेक्टिन, डाक्सी साइक्लिन, एजिलिड, मल्टी विटामिन आदि शामिल हैं। यह दवाएं बुखार और संक्रमण से बचाव की हैं। सात दिन तक आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को यह दवाएं नियमित रूप से खानी पड़ती हैं। कोविड संक्रमण बढ़ने से मास्क की डिमांड (मांग) लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ी है, लेकिन सैनिटाइजर की मांग में अभी तेजी नहीं आइ है।वहीं, कोरोना की दवाओं के दाम में भी 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की बात है। दवा कंपनियों ने दवाओं के दाम बढ़ा दी हैं।अब सहालग शुरू
होने वाली है। शादी में परिचित और रिश्तेदार जुटेंगे। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजर की मांग में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।कौशांबी केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम केसरवानी का कहना है कि मास्क की मांग बढ़ी है। आचार संहिता लगने के कारण बाजार में ज्यादा भीड़ नहीं जुटती। हालांकि, सहालग शुरू होने पर सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ेगी। जिले में 17 रैपिड रिस्पांस टीमें गठित हैं। हर ब्लाक में दो-दो और मुख्यालय में एक टीम है। टीमें मरीजों को सात दिन की दवाएं पहुंचाती हैं।उसके बाद अगर लक्षण नहीं हैं तो होम आइसोलेशन स्वत: समाप्त हो जाता है।
डा. यश अग्रवाल, जिला सर्विलांस अधिकारी।