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जिला अस्पताल के सुपरवाइजर में कोरोना की पुष्टि

मंझनपुर स्थित जिला अस्पताल में तैनात सुपरवाइजर कोरोना संक्रमित पाया गया। रविवार की शाम आई

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:10 AM (IST)
जिला अस्पताल के सुपरवाइजर में कोरोना की पुष्टि
जिला अस्पताल के सुपरवाइजर में कोरोना की पुष्टि

मंझनपुर स्थित जिला अस्पताल में तैनात सुपरवाइजर कोरोना संक्रमित पाया गया। रविवार की शाम आई रिपोर्ट के बाद से जिला अस्पताल कर्मियों में हड़कंप मचा गया। वहीं, सुपरवाइजर के साथ में भेजे गए अन्य 27 लोगों की सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब सुपरवाइजर के परिवार के अलावा संपर्क में आने वाले लोगों का सैंपल भी भेजा जाएगा।

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जिला अस्पताल के एक संविदा कर्मी सुपरवाइजर को दो दिन पहले सर्दी, जुकाम का एहसास हुआ। इस पर उसका सैंपल लेकर जिला अस्पताल में ही इमरजेंसी कोरोना लैब में टेस्ट किया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर खलबली मच गई। सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी ने बताया कि सुपरवाइजर को आइसोलेट करते हुए सैंपल दोबारा जांच के लिए प्रयागराज भेजा गया। रविवार को आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाया गया। जबकि उसके साथ भेजे गए अन्य 27 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई। इनमें सात लोग पुलिस लाइन के कर्मी भी हैं। सीएमओ ने बताया कि सुपरवाइजर को मंझनपुर स्थित कोविड एल-1 के आइसोलेशन वार्ड में क्वारंटाइन किया गया है। अब उसके संपर्क में आने वालों को ट्रेस किया जा रहा है। इसके अलावा रविवार को करारी के गुवारा तैयबपुर, मंझनपुर स्थित वृद्धाश्रम व एंबुलेंस कर्मियों समेत 65 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। बिना मास्क 484 लोगों से साढ़े 71 हजार जुर्माना वसूला

जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूकता के बावजूद बिना मास्क घर से निकलने वाले 484 लोगों को जिले की पुलिस ने रविवार को रोका। इनमें कुल 70 हजार 950 रुपये जुर्माना वसूल किया गया। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के निर्देश पर प्रतिदिन जिले के विभिन्न स्थानों पर चेकिग लगाकर वाहनों को रोका जा रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण में बचाव के उपाय का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है। रविवार को विभिन्न तिराहों व चौराहों पर वाहन चेकिग लगाकर पुलिस ने 39 वाहनों को रोका। कोरोना संक्रमण नियम की अनदेखी व ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर 39 वाहनों का चालान करते हुए 96 सौ रुपये समन शुल्क भी वसूल किया गया। इसके अलावा जिले की पुलिस ने 205 वाहनों का ई-चालान भी काटा। विद्यालयों को कराया जाए सैनिटाइज

कोरोना संक्रमणकाल में बाहर से लौटे प्रवासियों के लिए गांव के स्कूल ही ठिकाना बनाए गए। जिला प्रशासन ने स्कूलों का इस्तेमाल क्वारंटाइन सेंटर के रूप में किया। कुछ स्कूलों में अब भी प्रवासी ठहरे हैं। अब स्कूल कब खुलेंगे, इसे लेकर संशय है। लेकिन, प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीएसए से क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए स्कूलों को सैनिटाइज कराने की मांग की है।

जिले में 1410 परिषदीय स्कूल हैं। लगभग सभी स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। शासन की ओर से अब तक स्कूलों को खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया, लेकिन शिक्षकों ने अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुलायम सिंह ने बताया कि स्कूलों में लोग ठहरे थे। प्रवासियों के जाने के बावजूद स्कूलों को सैनिटाइज किया जाना चाहिए। लेकिन, अब तक इन स्कूलों को सैनिटाइज नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षक और बच्चे स्कूल खुलने पर असुरक्षित महसूस करेंगे। उन्होंने बताया कि बीएसए को इस संबंध में जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक स्कूलों को सैनिटाइज नहीं किया गया।


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