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बजट के अभाव में रुका राजकीय हाईस्कूल भवनों का निर्माण

जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत आठ वर्ष पूर्व छह राजकीय हाईस्कूल बनाने का फैसला लिया था। इसके लिए चार करोड़ 20 लाख रुपये खर्च करने की संस्तुति भी शासन स्तर से की गई। प्रथम किश्त मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने भवन का निर्माण भी शुरू किया लेकिन दूसरी किश्त न मिल पाने से भवन का निर्माण रुका हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:10 AM (IST)
बजट के अभाव में रुका राजकीय हाईस्कूल भवनों का निर्माण
बजट के अभाव में रुका राजकीय हाईस्कूल भवनों का निर्माण

कौशांबी : जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत आठ वर्ष पूर्व छह राजकीय हाईस्कूल बनाने का फैसला लिया था। इसके लिए चार करोड़ 20 लाख रुपये खर्च करने की संस्तुति भी शासन स्तर से की गई। प्रथम किश्त मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने भवन का निर्माण भी शुरू किया, लेकिन दूसरी किश्त न मिल पाने से भवन का निर्माण रुका हुआ है।

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जिले का महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए सरकार ने वर्ष 2012-13 में छह राजकीय हाईस्कूल निर्माण का फैसला लिया था। इसके लिए कार्यदायी संस्था आवास एवं परिषद को विद्यालय भवन बनाने के लिए प्रथम किश्त के रूप में तीन करोड़ की धनराशि दी गई थी। धन मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने विकास खंड नेवादा का राजकीय हाईस्कूल शेरगढ़, मूरतगंज का राजकीय हाईस्कूल राजकीय हाईस्कूल रसूलपुर बदले, मंझनपुर का राजकीय हाईस्कूल टेवा, सिराथू का राजकीय हाईस्कूल रामपुरधमावा, चायल का राजकीय हाईस्कूल महाराज का पूरा व विकास खंड कौशांबी का राजकीय हाईस्कूल ढोसकहा के भवन का निर्माण शुरू किया। लंबा समय बीतने के बाद राजकीय हाईस्कूलों का निर्माण पूरा नहीं हो सका। इससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। साथ ही शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर है। पिछले दो वर्ष से भवनों का निर्माण कार्य रुका हुआ है। इस संबंध में जिला विकास अधिकारी विजय कुमार का कहना है कि दूसरी किश्त न मिलने की वजह से राजकीय हाईस्कूल के भवनों का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। शासन से बजट की मांग की गई है। धन मिलने के बाद भवन निर्माण का कार्य शुरू होगा।


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