ईओ चेयरमैन के विवाद में स्वच्छ भारत मिशन ठप
ईओ चेयरमैन के विवाद में स्वच्छ भारत मिशन ठप जासं, कौशांबी : नगर पंचायत मंझनपुर में ईओ और चेयरमैन क
ईओ चेयरमैन के विवाद में स्वच्छ भारत मिशन ठप
जासं, कौशांबी : नगर पंचायत मंझनपुर में ईओ और चेयरमैन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इनके विवाद के चलते आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय दो महीने से नहीं मिल रहा है। अब अन्य कर्मचारियों के वेतन बिल पर भी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। यही नहीं सोमवार को कार्यालय पहुंचे चेयरमैन आउटसोर्स कर्मचारियों को भी काम करने से रोक दिया है। ऐसे में अब कस्बे की सफाई व्यवस्था भी ठप हो जाएगी। इन समस्याओं के बावजूद कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।
नगर पंचायत मंझनपुर में तैनात बाबू श्याम बाबू को कुछ महीने पहले बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद किसी बात को लेकर चेयरमैन महताब आलम और ईओ अंकिता पटेल के बीच विवाद हो गया। एक दूसरे के बाद विवाद शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दोनों के विवाद के बीच नगर की व्यवस्था चरमरा गई। नगर में स्वच्छता अभियान ठप हो गया है। स्वच्छता अभियान के तहत नगर में घर-घर शौचालय बनवाना है। इसके लिए लाभार्थियों का चयन हो चुका है। ईओ ने शौचालय के लाभार्थियों को उनके खाते में पैसा भेजने के लिए चेक बनाया। उन्होंने बताया कि पहली किश्त के लिए 6.60 लाख रुपये और दूसरे किश्त के 5.80 लाख रुपये का चेक बनाकर चेयरमैन के पास भेज दिया है। यह चेक आठ जून से उनके पास पड़ा है लेकिन अब तक उन्होंने उस पर हस्ताक्षर नहीं किया। इसलिए किसी लाभार्थी के खाते में अब तक धनराशि नहीं भेजी गई है। वैसे भी बाबू की बर्खास्तगी के चलते इस धनराशि को देने में देरी हो गई है। स्वच्छता अभियान में देरी के चलते पिछले दिनों डीएम ने भी ईओ की फटकार लगाई है। ईओ ने अपना काम पूरा कर दिया तो चेयरमैन के पास मामला अटका हुआ है। इसके अलावा नगर पंचायत में सफाई, बिजली और पानी सप्लाई के लिए करीब 90 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर लगाए गए हैं। इन कर्मचारियों का दो महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। ईओ ने कहा इनके मानदेय का बिल भी बन गया है। लेकिन चेयरमैन का हस्ताक्षर न होने से उन्हें मानदेय नहीं दिया जा सकता है। विवाद के चलते कार्यालय की स्थिति भी खराब है। वहां पर तैनात बाबू का पिछले दिनों एक्सीडेंट हो गया था, वह कार्यालय नहीं आ रहे हैं। बाकी बचे कुछ संविदा कर्मचारी ही कार्यालय में नजर आते हैं। अब तक आउससोर्सिंग कर्मियों से नगर की सफाई व्यवस्था चल रही थी। अब चेयरमैन ने उनको भी रोक दिया है, ऐसे में सफाई व्यवस्था भी ठप हो गई है। - मार्च में आउटसोर्स कर्मियों की सेवा प्रदाता एजेंसी का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बावजूद आउटसोर्स कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। ईओ मनमानी कर रही हैं और आउटसोर्स कर्मी प्रदाता एजेंसी के लिए टेंडर भी नहीं किया। जब एजेंसी निर्धारित नहीं है तो उसके कर्मचारियों को मानदेय कहां से दें। दूसरे माध्यम से मानदेय देने की अनुमति शासन से नहीं है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का पैसा लाभार्थियों के खाते में भेजने के लिए मेरे पास एक भी बिल नहीं आया है।
- महताब आलम, चेयरमैन, मंझनपुर