अगलगी में दंपती की मौत के बाद वाराणसी में पढ़ेंगे बच्चे
जासं, कौशांबी : सिराथू तहसील क्षेत्र के सैनी गांव में आग से झुलसकर हुई दंपती की मौत के बाद अनाथ हुए तीनों बच्चे अब वाराणसी के एसओएस आर्फन होम संस्था में पढ़ाई करेंगे। इसके लिए न्याय पीठ बाल कल्याण की विशेष किशोर समिति ने पहल कर दी है।
जासं, कौशांबी : सिराथू तहसील क्षेत्र के सैनी गांव में आग से झुलसकर हुई दंपती की मौत के बाद अनाथ हुए तीनों बच्चे अब वाराणसी के एसओएस आर्फन होम संस्था में पढ़ाई करेंगे। इसके लिए न्याय पीठ बाल कल्याण की विशेष किशोर समिति ने पहल कर दी है। बुधवार को समिति के पदाधिकारी व सदस्यों सैनी पहुंचकर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों के साथ बैठक की।
सैनी गांव में दो माह पहले ननकी देवी का बेटा व बहू आग से झुलसकर काल के गाल में समा गए थे। उनके तीन बच्चे करन, अर्जुन व काजल अपनी दादी के ननकी देवी के साथ रहते हैं। वृद्धा के सहारे बच्चों का भविष्य अंधेरे में नजर आ रहा था। इसकी जानकारी न्यायपीठ बाल कल्याण विशेष किशोर समिति की इकाई को हुई तो अध्यक्ष विनय मिश्र अपने सदस्य अख्तर अहमद, रेहान, रोहित आदि के साथ बुधवार को सैनी गांव पहुंचे। उन्होंने वृद्धा ननकी देवी से बच्चों की पढ़ाई व देखभाल का जिम्मेदारी वाराणसी की एसओएस आर्फन होम संस्था को सौंपने की बात कही। इस पर ननकी ने इन्कार कर दिया लेकिन समिति के सदस्यों ने ग्राम प्रधान संतोष कुमार व ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि संस्थान में 12 हजार रुपये प्रति माह एक बच्चे पर हर चीज का खर्च आएगा, जिसका निर्वहन संस्था की ओर से किया जाएगा। इससे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। समिति के सदस्यों ने बच्चों की दादी को समझाने की बात कही। हालांकि समिति की यह पहल रंग लाई तो अनाथ बच्चों को नई ¨जदगी की शुरुआत करने का नया जरिया मिल जाएगा।