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छोटी-बड़ी ताजिया के साथ निकला चेहल्लुम का जुलूस

स्थानीय कस्बे में शनिवार को चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया। इमामबाड़े से छोटी-बड़ी ताजिया का जुलूस लगभग 11 बजे सुबह निकाला गया। जुलूस से पहले आफाक हुसैन व दाऊद हुसैन ने शोजख्वानी की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:23 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:13 AM (IST)
छोटी-बड़ी ताजिया के साथ निकला चेहल्लुम का जुलूस
छोटी-बड़ी ताजिया के साथ निकला चेहल्लुम का जुलूस

संसू, चायल : स्थानीय कस्बे में शनिवार को चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया। इमामबाड़े से छोटी-बड़ी ताजिया का जुलूस लगभग 11 बजे सुबह निकाला गया। जुलूस से पहले आफाक हुसैन व दाऊद हुसैन ने शोजख्वानी की।

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शोजख्वानी के बाद मजलिस को खेताब जाकिर दिलशाद ने किया। उन्होंने पढ़ा कि बेहतरीन इंसान ही मजलूम की मदद करता है। जब तुम किसी मजलूम को देखो, तो जालिम इंसान के खिलाफ उसकी मदद करो। लेकिन, आज समाज इस पर अमल नहीं कर रहा। हजरत इमाम हुसैन ने अपने पिता हजरत अली की वसीयत पर पूरी तरह से अमल करते हुए मानवीय मूल्यों, सत्य, अहिसा, ईमानदारी और धर्म की रक्षा करते हुए 72 शहीदों की कुर्बानी दी। इमाम के मसायब सुनकर अजादार अपनी आंखों से अश्क न रोक पाए और जारो कतार रोने लगे। अंजुमन के साहबे बयाज दाऊद हुसैन ने पढ़ा- उठती है आज मय्यते सुल्ताने करबला, होता है दफन आज शहीदाने करबला। अंजुमन ए गुंचए कासिमिया बख्शी बाजार प्रयागराज के साहब ए बयाज शाहरुख ने अपने मखसूस अंदाज में नौहाख्वानी की। जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होता हुआ शाम पांच बजे करबला में समाप्त हुआ।


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