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कष्ट दूर करने को मां से मांगी मुराद

चैत्र नवरात्र की अष्टमी के दिन बुधवार को भक्तों ने अपने घरों में मा के महागौरी स्वरूप की पूज

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 06:11 AM (IST)
कष्ट दूर करने को मां से मांगी मुराद
कष्ट दूर करने को मां से मांगी मुराद

चैत्र नवरात्र की अष्टमी के दिन बुधवार को भक्तों ने अपने घरों में मा के महागौरी स्वरूप की पूजा की। सुबह से ही भक्तगण पूजन-अर्जन में लीन हो गए। भक्तों ने मां को पुष्प, मेवा, मिष्ठान व फल अर्पण कर जयकारे लगाए। शाम को अपने घरों में भजन कीर्तन अपनी मुराद मांगी।

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पंडित उमाशंकर मिश्र की माने तो मा महागौरी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाली हैं। माता महागौरी का विधि-विधान से पूजन करने से माता लाभकारी फल देती है। मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। इसलिए दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। वे पुण्य का भागी हो जाते हैं। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इस गौरता की उपमा शख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है। पं. उमाशंकर बताते हैं कि महागौरी की चार भुजाएं हैं। इनका वाहन वृषभ है, जिस पर मा विराजमान रहती है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में वर-मुद्रा हैं। मा की मुद्रा अत्यंत शात है।

मां महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए कल्याणकारी है। भक्तों को सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। महागौरी अपने भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती हैं। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।


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