बौद्ध तपोस्थली के दर्शन को श्रीलंका से आए श्रद्धालु
संसू, बारा : जिले के प्राचीन बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध के दर्शन करने के लिए श्रीलंका से 60 पर्यटकों का जत्था सोमवार को कौशांबी पहुंचा। हवन-पूजन के बाद सभी भिक्षु देर शाम सारनाथ के लिए रवाना होगा। 16 दिवसीय यात्रा में निकले पर्यटकों ने घोषिताराम विहार समेत पुरातात्विक धरोहरों का भी जायजा लिया।
संसू, बारा : जिले के प्राचीन बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध के दर्शन करने के लिए श्रीलंका से 60 पर्यटकों का जत्था सोमवार को कौशांबी पहुंचा। हवन-पूजन के बाद सभी भिक्षु देर शाम सारनाथ के लिए रवाना होगा। 16 दिवसीय यात्रा में निकले पर्यटकों ने घोषिताराम विहार समेत पुरातात्विक धरोहरों का भी जायजा लिया।
कौशांबी के कोसम खिराज व कोसम इनाम गांव क्षेत्र में महात्मा बुद्ध काल के पुरातात्विक स्थल हैं। यमुना किनारे के इस स्थल पर देश और विदेश में रहने वाले बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों की आस्था है। इस पुरातात्विक स्थल को देखने के लिए दुनियाभर के लोग आते हैं। अक्सर यहां पर थाईलैंड, चीन, जापान, कंबोडिया व श्रीलंका आदि विदेशों से जैन व बौद्ध धर्म के अनुयायी आते रहते हैं। यहीं पर जैन धर्म के छठे पद्मप्रभु का जन्म हुआ। वहीं महात्मा बुद्ध चौमासा में यहां आते और प्रवचन करते थे। बौद्ध स्थलों का भारत में दर्शन करने के लिए श्रीलंका से 60 लोगों का जत्था शनिवार को दिल्ली पहुंचा। वहां से देश भर के बौद्ध स्थलों के लिए रवाना हुआ है। सोमवार को यह जत्था कौशांबी पहुंचा। जत्थे का नेतृत्व कर रहे लीडर सुरेंद्रा ने बताया कि 16 दिवसीय यात्रा में वह दिल्ली से बस किराए पर लेकर आए हैं। कौशांबी में बौद्ध मंदिर और पुरातात्विक स्थलों का दर्शन करने के बाद वह देर शाम सारनाथ वाराणसी के लिए रवाना हो गए। इसके बाद बोधगया होते हुए श्रीलंका वापस चले जाएंगे। मंदिर के पुजारी डॉ. विशुद्धि ने हवन व मंत्रोच्चार के बीच पूजापाठ कराया। इसके अलावा पर्यटकों ने घोषिताराम विहार का भी जायजा लिया।