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रिश्वत मांगने का आडियो वायरल, रिपोर्ट दर्ज

जासं, कौशांबी : बिजली विभाग के जेई के बाद अब एसडीओ के खिलाफ रिश्वत मांगने का आडियो वायरल हुआ। इसकी शिकायत पीड़ित ने डीएम से की थी। डीएम के निर्देश पर एसडीओ के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसकी जांच सीओ मंझनपुर करेंगे। इस कार्रवाई से बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वायरल हुए एसडीओ और उसके ड्राइवर की आवाज नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:11 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 08:11 PM (IST)
रिश्वत मांगने का आडियो वायरल, रिपोर्ट दर्ज
रिश्वत मांगने का आडियो वायरल, रिपोर्ट दर्ज

जासं, कौशांबी : बिजली विभाग के जेई के बाद अब एसडीओ के खिलाफ रिश्वत मांगने का आडियो वायरल हुआ। इसकी शिकायत पीड़ित ने डीएम से की थी। डीएम के निर्देश पर एसडीओ के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसकी जांच सीओ मंझनपुर करेंगे। इस कार्रवाई से बिजली विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वायरल हुए एसडीओ और उसके ड्राइवर की आवाज नहीं है।

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मंझनपुर कोतवाली के ओसा चौराहे निवासी बलराम पुत्र बुधराम ने घर का कुछ हिस्सा किराए पर दे रखा है। कुछ दिनों पहले उनके घर की केबल मीटर के पास से फाल्ट हो गई। उन्होंने इसकी शिकायत एसडीओ मंझनपुर धर्मेंद्र ¨सह से की। जांच के लिए मौके पर पहुंचे एसडीओ धर्मेंद्र ¨सह ने बताया कि आपका 52054 रुपये का बिल बकाया है। बिना बिल भुगतान के लाइन नहीं जोड़ी जाएगी। फिर बलराम ने 18 अगस्त को बिल का भुगतान कर दिया। इसके बाद भी एसडीओ ने बलराम से लाइन जोड़ने के नाम पर 35 हजार की रिश्वत मांगी। बलराम ने रुपये देने से इन्कार कर दिया। उसके बाद एसडीओ के ड्राइवर ने बलराम को फोन किया। कनेक्शन जोड़ने के लिए उसने बलराम से 35 हजार मांगे। कहा कि 25 हजार दे दो मामला रफादफा कर देंगे। इस बातचीत को बलराम में अपने मोबाइल में सेव कर दिया। एसडीओ को यह रवैया बलराम को नागवार गुजरा। उन्होंने इस मामले की शिकायत डीएम से की और आडियो सौंप दिया। डीएम ने आडियो सुनी और एसडीओ के खिलाफ एफआइआर का आदेश दिया। फिर बुधवार की रात में मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने एसडीओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच सीओ मंझनपुर सच्चिदानंद पाठक को सौंपी गई है। वहीं अधिशासी अभियंता विद्युत प्रदीप सोनकर ने कहा कि वाइस न तो एसडीओ की है और न ही उनके ड्राइवर की है। वह इस मामले को लेकर डीएम से मिलकर कर्मचारी का पक्ष रखेंगे। घूस लेते 10 दिन पहले ट्रैप हो चुका है जेई

बिजली विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 दिनों के अंदर बिजली विभाग एक जेई और एक एसडीओ पर कार्रवाई हो गई। 11 सितंबर को मनौरी सब स्टेशन में तैनात जेई शिवबाबू निषाद को विजिलेंस टीम ने एक ठेकेदार से 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि मंझनपुर एसडीओ के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला सामने आ गया। अब शिकायतकर्ता को कर रहे परेशान

बलराम को अब बिजली विभाग के अधिकारियों ने परेशान करना शुरू कर दिया है। बलराम का आरोप है कि जिस दिन से उन्होंने शिकायत की है, उन पर आफत सी टूट पड़ी है। विभाग ने उसके दो किलो वाट के कनेक्शन की भार क्षमता अचानक बढ़ाकर पांच किलोवाट कर दी है। उन्हें कम भार क्षमता पर बिजली का प्रयोग करने का दोषी मानते हुए तीन लाख रुपये का नोटिस भी भेजा है। इसको लेकर वह अब कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। एसडीओ पर पहले भी लगे हैं आरोप

जिले भर में विद्युतीकरण का काम निजी कंपनियां कर रही हैं। उनकी निगरानी विभाग के अधिकारी करते हैं। मंझनपुर क्षेत्र में हो रहे विद्युतीकरण के कार्य निगरानी एसडीओ धर्मेंद्र कर रहे हैं। इनकी रिपोर्ट के बाद ही कंपनी को पैसे का भुगतान हुआ। पिछले दिनों एक मामला आया कि बिना काम पूरा किए ही एसडीओ ने उसके पैसे के भुगतान की तैयारी कर ली थी। आरोप था कि एसडीएम ने ठेकेदार से मिलीभगत करके बिना काम के ही उसको भुगतान कराना चाहते थे। लेकिन मामला प्रकाश में आया तो वह बैकफुट पर आए। अधिकारियों की फटकार लगाने के बाद एसडीओ ने भुगतान रोका और सक्रिय हो गए। ऐसे ही बिजली बिल संशोधन करने में रिश्वत मांगने के कई आरोप उनपर लगे हैं। करीब दो महीने पहले डीएम ने एसडीओ के कार्यालय का निरीक्षण किया और सुधरने की चेतावनी दी थी। उसके बाद भी सुधार नहीं हुआ वसूली का सिलसिला जारी रहा।


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