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अंधेरे से जंग के नाम पर कर गए 'अंधेरगर्दी'

सिराथू ब्लाक के 84 गांवों में वित्त वर्ष 2019-20 में स्ट्रीट लाइट लगाई गईं। आरोपित है कि प्रधानों व सचिवों ने इसको लगवाने से पहले किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली। करीब 77.77 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइटें लगवा दी गईं। प्रधानों व सचिवों ने स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए तैयार किए गए स्टीमेट को न तो ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से मंजूर कराया और ना ही तकनीकी सहायकों ने स्टीमेट का आकलन किया। इस प्रकारण की शिकायत समाज सेवी अजय सोनी ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से की तो जांच शुरू करा दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 06:07 AM (IST)
अंधेरे से जंग के नाम पर कर गए 'अंधेरगर्दी'
अंधेरे से जंग के नाम पर कर गए 'अंधेरगर्दी'

धनराज सिंह, सिराथू (कौशांबी) : स्थानीय ब्लाक के गांवों में अंधेरे से जंग के नाम पर गजब की अंधेरगर्दी की गई। स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए यहां बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लिए 77.77 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। इतना ही नहीं, मेटेनेंस के नाम पर भी लाखों का खेल कर दिया गया। टेक्निकल टीम से जांच कराए बिना भुगतान हुआ। शिकायत उच्चाधिकारियों के पास पहुंची तो अब जांच की बात कही जा रही है।

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सिराथू ब्लाक के 84 गांवों में वित्त वर्ष 2019-20 में स्ट्रीट लाइट लगाई गईं। आरोपित है कि प्रधानों व सचिवों ने इसको लगवाने से पहले किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली। करीब 77.77 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइटें लगवा दी गईं। प्रधानों व सचिवों ने स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए तैयार किए गए स्टीमेट को न तो ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से मंजूर कराया और ना ही तकनीकी सहायकों ने स्टीमेट का आकलन किया। इस प्रकारण की शिकायत समाज सेवी अजय सोनी ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से की तो जांच शुरू करा दी गई है। परियोजना निदेशक (पीडी) लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जांच कराई जा रही है यदि स्ट्रीट लाइट लगाने में गड़बड़ी हुई होगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बिजली विभाग भी कराएगा जांच

ब्लाक के एक या दो गांवों को छोड़ दे तो किसी भी ग्राम पंचायत ने बिजली का कनेक्शन ही नहीं लिया है, जबकि नियमानुसार पूर्व कनेक्शन लिया जाना चाहिए। अधीक्षण अभियंता (विद्युत) एसके श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण को बताया कि एक या दो ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त किसी ने कनेक्शन नहीं लिया है। सभी अवर अभियंताओं को निर्देश दिया जाएगा कि वह गांव में जाकर जांच करें। जिस समय से लाइट लगी है, तब से अब तक का बिल बनाकर ग्राम पंचायतों से वसूली होगी। कहां-कहां लाइट लगाई गई है, इसकी जानकारी भी डीपीआरओ कार्यालय से मांगे जाने की जानकारी अधीक्षण अभियंता ने दी।


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