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बिन चिकित्सक पशु अस्पताल, कैसे हो नस्ल सुधार

जंसू, अझुवा : जनपद के मवेशियों के इलाज के लिए 15 पशु अस्पताल व 24 पशुधन प्रसार केंद्र खोले गए हैं। अ

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 07:56 PM (IST)
बिन चिकित्सक पशु अस्पताल, कैसे हो नस्ल सुधार
बिन चिकित्सक पशु अस्पताल, कैसे हो नस्ल सुधार

जंसू, अझुवा : जनपद के मवेशियों के इलाज के लिए 15 पशु अस्पताल व 24 पशुधन प्रसार केंद्र खोले गए हैं। अस्पतालों में पद सृजन के सापेक्ष चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती नहीं की गई। इससे पशुपालकों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में चिकित्सक न मिलने की वजह से पशुपालकों को निजी अस्पतालों से इलाज कराना पड़ता है। ऐसे में गांव-गांव झोलाछाप भी सक्रिय हो गए हैं।

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सिराथू तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत अझुवा में 40 वर्ष पूर्व पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया था। फिर भी क्षेत्र के पशुओं का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। इसकी शिकायत पशुपालकों ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से की है। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रही है। अस्पताल को चलाने के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव धीर ने पशु अस्पताल सिराथू में तैनात डॉ. नवल किशोर को प्रभार दिया गया है। अस्पताल में टांडा गांव में पशुधन प्रसार अधिकारी संजय को तैनात किया गया है। वह सोमवार को अस्पताल में थे। चिकित्सक के न होने से वहां लाए गए दो मवेशियों का इलाज नहीं हुआ।

चिकित्सक के आने का दिन निर्धारित नहीं

अझुवा के देवमन, सुरेश व संदीप का कहना कि पशु चिकित्सक नवल किशोर सप्ताह में एक दिन अस्पताल आते हैं, लेकिन आने को दिन भी निर्धारित नहीं है।

मानक के अनुसार तैनाती

यहां पर शासन स्तर से एक पशु चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट व एक चपरासी की तैनाती होनी चाहिए। बीते एक वर्ष से अस्पताल में पशु चिकित्सक व फार्मासिस्ट का पद खाली है।

जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल

अधिकारियों की मानें तो सिराथू की नगर पंचायत अझुवा में पशु अस्पताल का भवन जर्जर है। इससे पशु धन प्रसार अधिकारी व चपरासी परेशानी हैं। शिकायत के बाद भी मरम्मत नहीं हुई।

शौचालय भी हुआ खराब

अस्पताल में तैनात चिकित्सक व कर्मियों की सुविधा के लिए बनवाया गया शौचालय भी इन दिनों दुर्दशा का शिकार है। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है।

शिकायत के बाद भी नहीं दिया ध्यान

शौचालय की मरम्मत करने की मांग पशुधन प्रसार अधिकारी ने प्रधान व सचिव से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। कहते हैं ग्रामीण

एक वर्ष से अस्पताल में पशु चिकित्सक की तैनाती नहीं है। इससे मवेशियों के इलाज में परेशानी होती है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो सका।

जगतपाल पशुओं का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। पशुपालकों को झोलाछाप से इलाज करना पड़ रहा है। ऐसे में मरीजों की जान को खतरा भी बना रहता है।

राजकुमार अस्पताल में पद सृजन के सापेक्ष चिकित्सक व कर्मचारियों की तैनाती की मांग सांसद व पशुपालन विभाग के अधिकारियों से की थी। इसके बाद भी तैनाती नहीं हुई।

इरफान खान पशुओं की नश्ल में सुधर कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार जोर से रही हैं, लेकिन चिकित्सक व कर्मियों के अभाव में इसका लाभ क्षेत्रीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

अलताब कहते हैं सीवीओ

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजीव धीर का कहना है कि अस्पतालों में पद सृजन के सापेक्ष चिकित्सकों व कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई। इससे पशुओं के इलाज में परेशानी होती है। पद के सापेक्ष चिकित्सक व पशुधन प्रसार अधिकारियों की तैनाती के लिए पशुपालन निदेशक को पत्र भेजा गया है।


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