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कौशांबी में आयुष्मान भारत ने 270 गरीबों को दी मुस्कान

शैलेंद्र द्विवेदी कौशांबी चायल के कमलेश कुमार और सरायअकिल के कधईलाल की तरह आíथक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) वरदान साबित हो रही है। जिले के अस्पतालों में अब कुल 870 मरीजों का इलाज किया है। इसमें से 270 ऐसे लोग हैं जो चलने फिरने तक के लिए मजबूर थे। आपरेशन के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए है और उनके चेहरे पर दुबारा मुस्कान आई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 11:20 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:31 AM (IST)
कौशांबी में आयुष्मान भारत ने 270 गरीबों को दी मुस्कान
कौशांबी में आयुष्मान भारत ने 270 गरीबों को दी मुस्कान

शैलेंद्र द्विवेदी, कौशांबी

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चायल के कमलेश कुमार और सरायअकिल के कधईलाल की तरह आíथक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) वरदान साबित हो रही है। जिले के अस्पतालों में अब कुल 870 मरीजों का इलाज किया है। इसमें से 270 ऐसे लोग हैं, जो चलने फिरने तक के लिए मजबूर थे। आपरेशन के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए है और उनके चेहरे पर दुबारा मुस्कान आई है।

आयुष्मान भारत के तहत जिले के एक लाख 16 हजार परिवार चयनित किए गए हैं। सभी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले यानि बीपीएल परिवार हैं। इन्हें गोल्डेन कार्ड जारी करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 26 हजार से अधिक लाभाíथयों को गोल्डेन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 870 गोल्डेन कार्ड धारकों ने अपना इलाज करवाया है। इनमें 270 ऐसे हैं जो चलने फिरने तक में असमर्थ हो गए थे। इलाज के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो चले हैं।

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इन अस्पतालों में होता है इलाज

संयुक्त जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायअकिल, सिराथू और कनैली के अलावा नव जीवन हॉस्पिटल कशिया ककोढ़ा, मंझनपुर स्थित न्यू तेजमति तथा लवकुश हास्पिटल समेत सरकारी-गैर सरकारी मिलाकर 11 अस्पताल शामिल है। आयुष्मान भारत के जिला समन्वयक डा. ओम त्रिपाठी बताते हैं कि 11 अस्पतालों व 370 जनसेवा केंद्रों में पहुंचकर लाभार्थी 30 रुपये जमा कर गोल्डेन बनवा सकते हैं।

इन मर्ज का होता है इलाज

आयुष्मान भारत के तहत गोल्डेन कार्ड से हृदय रोग, नेत्र रोग नाक-कान-गला, हड्डी रोग, शल्य चिकित्सा, न्यूरो सर्जरी, न्यूरो रेडियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, बर्न सर्जरी, बाल रोग, कैंसर संबंधित बीमारी का निश्शुल्क इलाज किया जाता है। केस-1

चायल के कमलेश कुमार के पैर की हड्डी डेढ़ वर्ष पूर्व सड़क हादसे में टूट गई थी। वह चलने फिरने में असमर्थ हो गए थे। चिकित्सक ने आपरेशन की सलाह दी। रुपये न होने के कारण वह आपरेशन नहीं करवा पा रहे थे। गोल्डेन कार्ड बना तो उन्होंने सरायअकिल स्थित एक अस्पताल से 27 फरवरी 2019 को आपरेशन कराया। केस-2

सरायअकिल के कधई लाल हाíनया से पीड़ित थे। एक वर्ष से काफी परेशान थे। दर्द अधिक होने की वजह से कोई काम नहीं कर पा रहे थे। आíथक तंगी की वजह से निजी अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे थे। गोल्डेन कार्ड मिला तो 18 फरवरी 2019 को सरायअकिल में आपरेशन कराया आज पूरी तरह से ठीक है।


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